SC on Freedom of Speech: केरल (Kerala) में एक मलियाली न्यूज चैनल (Malayali News Channel) को बैन किए जाने पर ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ (Freedom of Speech) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती टिप्पणी की है।
SC ने न्यूज चैनल पर बैन हटाते (Supreme Court Cancels News Channel Ban) हुए कहा कि अगर किसी मीडिया संस्थान की कवरेज या राय में सरकार की आलोचना की जाती है।
तो इसे देश विरोधी (Anti Nationalist) नहीं माना जाएगा। मीडिया के सवाल उठाने के अधिकार पर टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने देश विरोध जैसे शब्दों के इस्तेमाल करने पर भी सख्त टिप्पणी की है।
क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, Kerala से चलने वाले मलयाली चैनल वन पर सरकार ने बैन (Ban) लगा दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ये Ban हटा दिया है और इस बैन के हटने को प्रेस की स्वतंत्रता (Freedom of Press) के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सरकार की आलोचना से जुड़ी ख़बर चलाना या सरकार की आलोचना करना देश विरोधी नहीं है।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा (National Security) के गंभीर मामलों में बंद लिफाफे यानी (Sealed Cover) में दी जाने वाली जानकारी की अहमियत को नहीं नकारा। लेकिन इसके ट्रेंड (Trend) को कम करने की बात कही है।
बोलने की आजादी को लेकर क्या कहता है देश का कानून?
देश आजाद होने यानी 1947 के बाद जब संविधान (Constitution) बना, तो भारतीय नागरिकों (Indian Citizens) को अनुच्छेद 19 में वो सारे अधिकार (Rights) दे दिए गए, जिसके लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी थी।
संविधान में अनुच्छेद 19 से 22 तक कई सारे अधिकार दिए गए हैं।
अनुच्छेद 19(1)(A) के तहत देश के सभी नागरिकों को वाक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार (Right to Freedom of Speech and Expression) दिया गया है।
अनुच्छेद 19 के ये अधिकार केवल भारतीय नागरिकों को ही मिले हैं। अगर कोई बाहर का यानी विदेशी नागरिक (Foreign National) है तो उसे ये अधिकार नहीं दिए गए हैं।
वाक और अभिव्यक्ति की आजादी को आसान भाषा में समझे तो एक भारतीय नागरिक इस देश में लिखकर, बोलकर, छापकर, इशारे से या किसी भी तरीके से अपने विचारों को व्यक्त (Express Ideas) कर सकता है।
वहीं अनुच्छेद 19 (2) में उन नियमों के बारे में भी जानकारी दी गई है जब बोलने की आजादी को प्रतिबंधित किया जा सकता है। वो परिस्थितियां हैं-
– कुछ ऐसा नहीं बोला जाना चाहिए जिससे भारत की संप्रभुता और अखंडता को खतरा हो। राज्य की सुरक्षा को खतरा हो। पड़ोसी देश या विदेशी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बिगड़ने का खतरा हो, सार्वजनिक व्यवस्था के खराब होने का खतरा हो, शिष्टाचार या सदाचार के हित खराब हो, कोर्ट की अवमानना (Contempt of Court) हो, किसी की मानहानि हो, अपराध को बढ़ावा मिलता हो।