अवैध खनन पर हेमंत सोरेन से सरयू राय के तीखे सवाल, CBI से जांच की मांग

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न्यूज़ अरोमा रांची: झारखंड की राजनीति के केंद्र में रहने वाले सरयू राय किसी न किसी मामले को लेकर अक्सर चर्चा में बने रहते हैं।

राय ने चारा घोटाला में लालू प्रसाद यादव और कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले के दोषी व झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को जेल तक पहुंचाने में मुख्य भूमिका निभाई थी।

पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में सरयू राय ने भाजपा से अलग होकर तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास को चुनावी पटकनी दी थी।

सरयू राय रघुवर सरकार में मंत्री रहते हुए भी विपक्ष की भाषा बोलते रहे। इसके बाद उन्होंने मैनहर्ट किताब के जरिए रघुवर दास पर कई संगीन आरोप लगाए हैं।

अब हेमंत सरकार के कई फैसलों के समर्थक रहे पूर्व मंत्री सरयू राय अब शाह ब्रदर्स मामले में सरकार के खिलाफ मुखर हो रहे है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखने के अलावा निर्दलीय विधायक सरयू राय ने ट्वीट कर इस मामले में खान सचिव के श्रीनिवासन के फैसले पर सवाल उठाए हैं।

उन्होंने लिखा है कि खान सचिव के फैसले से कई प्रकार की आशंकाएं जन्म ले रही हैं। इसकी जांच होनी चाहिए।

उनकी बातों से यह आभास हो रहा है कि इस प्रकरण में वे किसी की ओर इशारा भी कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राय ने कहा है कि झारखंड विधानसभा में उपर्युक्त विषय के संबंध में पूछे गए उनके अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में खान विभाग ने यह नहीं बताया कि 31 मार्च 2020 को परिसमाप्त राज्य के लौह-अयस्क पट्टाधारियों द्वारा उत्खनित अयस्क की कितनी मात्रा अवशेष रह गई है और राज्य सरकार नीलामी के माध्यम से इसका निस्तारण करने के लिये क्या कर रही है?

हाल ही में खान विभाग के सचिव ने एक पट्टाधारी शाह ब्रदर्स को उनके पास बचे लौह-अयस्क अवशेष को बेचने का निर्देश दिया है।

सरयू राय ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र सौंप कर अवैध खनन मामले की सीबीआई एसीबी से जांच कराने की मांग की है।

उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास पर भी लौह-अयस्क के अवैध खनन को प्रोत्साहित करने, कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को परेशान एवं प्रताड़ित करने तथा उन्हें अपमानित कर पद से हटाने के षड्यंत्र करने सहित कई गंभीर आरोप लगाये हैं।

उन्होंने इस पूरे मामले की जांच भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) से कराने तथा उनके साथ इस षड्यंत्र में शामिल अवैध खनन के अन्य दोषियों एवं षड्यंत्रकारियों को दंडित करने का आग्रह किया है।

सरयू राय ने बताया कि एक षडयंत्र के तहत जस्टिस एमबी शाह आयोग की अवैध खनन संबंधी अनुशंसाओं को झारखंड में लागू नहीं होने दिया गया, ताकि राज्य में अवैध खनन को प्रोत्साहित कर लौह अयस्क की बंदरबांट की जा सके और नियम कानून का उल्लंघन कर अनुचित वित्तीय लाभ कमाया जा सके।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस षडयंत्र में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास, तत्कालीन महाधिवक्ता-अपर महाधिवक्ता अजीत कुमार एवं अन्य की मिलीभगत भी रही है।

सरयू राय ने कहा कि इसकी जांच सीबीआई अथवा भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो से कराई जाय तो षडयंत्र के समग्र पहलू पूरी तरह से उजागर हो जायेंगे।

जांच के बाद भ्रष्ट आचरण का बचाव कर छद्म इमानदारी का ढोंग रचने वाले सफेदपोशों की गर्दन कानून के शिकंजा में आ जायेगी।

उन्होंने ने सुझाव दिया है कि राज्य सरकार वन विभाग के सक्षम अधिकारी सहित खान एवं वाणिज्य-कर विभाग के योग्य अधिकारियों का एक समूह गठित करे और इसकी देखरेख में रद्द/परिसमाप्त लौह-अयस्क पट्टों के विरुद्ध उत्खनित अवशेष अयस्क भंडारों का निस्तार करे।