पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एनडीए प्रत्याशी के रूप में राज्यसभा उप चुनाव के लिए बुधवार को पटना प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में नामांकन दाखिल किया।
राज्यसभा की यह सीट लोजपा संस्थापक और केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान के निधन से खाली हुई थी।
इसके लिए नामांकन भरने की अंतिम तिथि 3 दिसम्बर है। 14 दिसम्बर को उप चुनाव के लिए वोटिंग और मतगणना होगी।
आज नामांकन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव, सांसद रामकृपाल यादव समेत भाजपा के कई नेता मौजूद थे।
इसके अलावा बड़ी संख्या में सुशील मोदी के समर्थक और भाजपा कार्यकर्ता भी आयुक्त कार्यालय के बाहर मौजूद थे।
बधाई देने आया हूं, चारों सदन का सदस्य होने का सौभाग्य कम लोगों को मिलता हैः नीतीश
सुशील कुमार मोदी के नामांकन के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि आज हम सभी सुशील कुमार मोदी को बधाई देने आए हैं। इन्होंने बिहार की बहुत सेवा की है।
ये पहले से ही लोकसभा, विधानसभा, विधान परिषद के सदस्य रहे हैं और अब राज्यसभा के भी सदस्य बनने जा रहे हैं। ये चारों सदन के सदस्य होने जा रहे हैं।
ऐसा सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है, इसलिए इन्हें विशेष तौर पर बधाई। मुझे पूरा भरोसा है कि पार्टी नेतृत्व के मार्गदर्शन में ये देश की और सेवा करेंगे। इन्हें आगे और काम करने का मौका मिलेगा।
मुझे खुशी है कि हम लोगों ने साथ काम किया है लेकिन हर एक पार्टी का अपना निर्णय होता है। ये अब राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने वाले हैं। केंद्र सरकार के सहयोग का लाभ बिहार को मिल रहा है और आगे भी मिलता रहेगा।
महागठबंधन को राज्यसभा के लिए नहीं मिला अब तक उम्मीदवार
राज्यसभा सीट के लिए एनडीए प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने नामांकन दाखिल कर दिया, पर महागठबंधन की ओर से अब तक किसी भी उम्मीदवार का नाम सामने नहीं आया है।
आंकड़ों का अंकगणित नहीं होने के बावजूद इस सीट पर महागठबंधन हर हाल में उम्मीदवार देना चाहता है लेकिन उम्मीदवार ही नहीं मिल रहा है।
महागठबंधन के नेता संभावित हार को देखते हुए उम्मीदवार बनने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में महागठबंधन के पास अब केवल एक दिन ही रास्ता बचा है। गुरुवार नामांकन का आखिरी दिन है।
महागठबंधन ने राज्यसभा उम्मीदवार के लिए लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान को प्रस्ताव दिया था। कहा था कि अपनी मां रीना पासवान को राज्यसभा प्रत्याशी बनाएं लेकिन लोजपा ने इस ऑफर को ठुकरा दिया।
इसके बाद दलित चेहरे के नाम पर श्याम रजक पर दांव खेला गया लेकिन उन्होंने भी इनकार कर दिया। कहा, मेरी इस तरह की कोई इच्छा नहीं है और वे इन सभी मामलों से पूरी तरह से अलग हैं।
दरअसल, विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से वे नाराज चल रहे हैं। उसी ज्यादती की भरपाई के लिए राजद की तरफ उन्हें राज्यसभा उप चुनाव की उम्मीदवारी देने की पेशकश की गई थी, पर वे तैयार नहीं हुए।
सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के प्रेमचंद मिश्रा को भी महागठबंधन ने उम्मीदवार बनाने पर विचार किया लेकिन उन्होंने भी इससे इनकार कर दिया।