रांची: मनरेगा घोटाला में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) केस की आरोपित निलंबित IAS अधिकारी पूजा सिंघल ने झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) से जमानत लेने के लिए झूठ का भी सहारा लेने का प्रयास किया, लेकिन ED के अधिकारियों की सतर्कता के कारण उनका झूठ पकड़ा गया और कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी।
गवाहों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं पूजा सिंघल
हाई कोर्ट ने पूजा सिंघल की जमानत पर जो आदेश पारित किया है, उसमें इस बात का जिक्र है कि पूजा सिंघल ने रिम्स (RIMS) से फर्जी मेडिकल रिपोर्ट (Fake Medical Report)लेने की भी कोशिश की थी।
साथ ही अदालत को इस बात का भी अंदेशा है कि पूजा सिंघल अपने प्रभाव से इस केस से जुड़े गवाहों और साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ कर सकती हैं। इसलिए उन्हें फिलहाल जमानत नहीं दी जा सकती।
पूजा सिंघल को सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ
उल्लेखनीय है कि सीने में दर्द और सांस लेने में तकलीफ की समस्या के बाद निलंबित IAS पूजा सिंघल RIMS के कार्डियोलॉजी (Cardiology) विभाग के HOD डॉ प्रकाश कुमार की देखरेख में इलाजरत हैं।
वह रिम्स के पेइंग वार्ड के कमरा नं ए-11 में सिंघल एडमिट है।
पूजा सिंघल को माइग्रेन की समस्या भी है। ऐसे में न्यूरोलॉजी (Neurology) विभाग के डॉ सुरेंद्र प्रसाद भी उनका इलाज कर रहे हैं। वहीं, रिम्स के ऑर्थोपेडिक (Orthopedic) और डेंटल (Dental) विभाग के चिकित्सक भी उनका इलाज कर रहे हैं।