रांची: जनजातीय सलाहकार परामर्शदात्री परिषद (Tribal Advisory council) की बैठक बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) की अध्यक्षता में हुई।
बैठक में कुल 11 एजेंडों पर चर्चा हुई। प्रमुख रूप से पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र में एकल पद आरक्षण को लेकर चर्चा हुई।
अब आरक्षण रोस्टर पर महाधिवक्ता से राय ली जायेगी
TAC की बैठक के बाद मंत्री चंपई सोरेन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज सबसे महत्वपूर्ण एजेंडा ‘द प्रोविजन ऑफ द म्यूनिसिपैलिटिज बिल 2001’ (‘The Provision of the Municipalities Bill 2001’) पर स्टैंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर विचार करने का था।
इस बिल में प्रावधान किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप मेयर, अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति के लिए ही आरक्षित होगा लेकिन इसके लिए TAC की अनुशंसा अनिवार्य है। अब आरक्षण रोस्टर पर महाधिवक्ता से राय ली जायेगी। इसके बाद ही इस दिशा में कदम उठाये जायेंगे।
अब नगर निगम चुनाव समय पर नहीं होगा
बैठक में अधिकांश सदस्यों ने एकल पद पर ST का आरक्षण समाप्त करने का विरोध किया और इसको लेकर कैबिनेट में एक प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार भेजने का सुझाव दिया है। ऐसे में नगर निकाय चुनाव की तिथि को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया गया है।
माना जा रहा है कि अब नगर निगम चुनाव समय पर नहीं होगा। ट्राइबल एडवाइजरी काउंसिल की बैठक में विधायक शिल्पी नेहा तिर्की पहली बार शामिल हुईं।
शिल्पी नेहा तिर्की कांग्रेस के पूर्व विधायक बंधु तिर्की की बेटी हैं। शिल्पी इस बार हुए विधानसभा उपचुनाव में मांडर विधानसभा सीट से जीत कर आयी हैं।
विधायक राजेश कच्छप ने बताया कि आने वाले दिनों में प्राइमरी स्तर से जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने, पैसा कानून को कड़ाई से लागू करने, जमीनों का अवैध विचलन सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, अध्यक्ष, सदस्यों में स्टीफन मरांडी, सीता सोरेन, दीपक बिरूआ, विकास कुमार मुंडा, नमन विक्सल कोनगाड़ी, राजेश कच्छप, सोनाराम सिंकू, शिल्पी नेहा तिर्की (सभी विधायक), विश्वनाथ सिंह सरदार और जमल मुंडा (दोनों मनोनीत) शामिल थे।