नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि देश के युवाओं में अपार क्षमताएं और तकनीक जगत में अपार संभावनाएं हैं। यही सही समय है कि हम अपना सर्वश्रेष्ठ देते हुए उचित लाभ उठाएं।
उन्होंने उम्मीद भी जताई कि देश का आईटी सेक्टर देश का गौरव बनेगा। प्रधानमंत्री ने यह बात कर्नाटक के प्रमुख वार्षिक प्रौद्योगिकी सम्मेलन ‘बेंगलुरु प्रौद्योगिकी शिखर बैठक-2020’ का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुरुवार को उद्घाटन करते हुए कही।
19 से 21 सितम्बर तक चलने वाले इस शिखर सम्मेलन का आयोजन कर्नाटक सरकार द्वारा कर्नाटक नवोन्मेषण एवं प्रौद्योगिकी सोसायटी और सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया के सहयोग से किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को बेंगलुरु में आयोजित ‘टेक-समिट’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि औद्योगिक युग में जिन्होंने पहले प्रयास किया वह सारा लाभ कमा गये। सूचना युग में ऐसा नहीं है और यहां बेहतरीन करने वाले को सबकुछ मिला है।
कोई भी किसी भी समय एक उत्पाद का निर्माण कर सकता है और बाजार के सभी मौजूदा समीकरणों को बिगाड़ सकता है। औद्योगिक युग में परिवर्तन सीधा था लेकिन सूचना युग में परिवर्तन विघटनकारी है।
औद्योगिक युग की उपलब्धियां ‘रियर व्यू मिरर’ में हैं और अब हम सूचना युग के बीच में हैं। भविष्य प्रत्याशित की तुलना में जल्द ही आ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि सूचना के युग में भारत के आगे निकलने के लिए विशिष्ट परिस्थितियां हैं। हमारे पास सबसे अच्छे दिमाग के साथ सबसे बड़ा बाजार भी है।
हमारे स्थानीय तकनीकी समाधानों में वैश्विक स्तर पर जाने की क्षमता है। यह तकनीक-समाधान का समय है, जो भारत में डिजाइन किए गए हैं लेकिन दुनिया में उपयोग आ रहे हैं।
अपनी सरकार की नीतियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार हमेशा तकनीक और नवाचार उद्योग को उदार बनाने के उद्देश्य से कार्य कर रही है। हाल ही में सरकार ने आईटी उद्योग पर अनुपालन बोझ को कम किया है।
टेक इंडस्ट्री में स्टेकहोल्डर्स के साथ जुड़ने और भारत के लिए फ्यूचर प्रूफ पॉलिसी फ्रेमवर्क को चार्ट करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि तकनीक की दुनिया में आगे का रास्ता सीखने और एक साथ बढ़ने में निहित है।
उस दृष्टिकोण से प्रेरित होकर भारत में कई केंद्र खुल रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हैकथॉन की संस्कृति भारत में आयोजित की गई है।
मोदी ने कहा कि विशेष रूप से गरीबों, हाशिए पर गए लोगों और सरकार के लिए डिजिटल इंडिया जीवन का एक तरीका बन गया है। डिजिटल इंडिया की बदौलत देश में विकास अधिक मानवीय केंद्रित हुआ है।
बड़े पैमाने पर प्रौद्योगिकी का उपयोग करने से नागरिकों के जीवन में कई परिवर्तन आया है। आज करोड़ों किसानों को एक क्लिक में मौद्रिक सहायता मिलती है। लॉकडाउन के चरम पर, यही तकनीक थी जिसने सुनिश्चित किया कि भारत के गरीबों को उचित और त्वरित सहायता मिले।
पूरी तरह से वर्चुअल आयोजन को ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन तथा स्विट्जरलैंड के उपराष्ट्रपति गाय परमेलिन भी संबोधित करेंगे। इस आयोजन के 23वें संस्करण में करीब 25 देश भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम में 200 से ज्यादा भारतीय कंपनियां भाग ले रही हैं, जिन्होंने अपनी वर्चुअल प्रदर्शनी लगाई है। सम्मेलन में 4,000 से अधिक प्रतिनिधि और 270 वक्ता हिस्सा लेंगे। सम्मेलन के दौरान 75 परिचर्चा सत्रों का आयोजन होगा। प्रतिदिन इसमें 50,000 से अधिक भागीदार भाग लेंगे।