नई दिल्ली: तालिबान ने कथित तौर पर चार कथित अपहरणकर्ताओं के शवों को एक स्पष्ट चेतावनी के तौर पर पश्चिमी शहर हेरात के चौक पर सार्वजनिक रूप से लटका दिया। बीबीसी की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
एक कुख्यात तालिबान अधिकारी द्वारा चेतावनी दिए जाने के एक दिन बाद यह वीभत्स घटनाक्रम सामने आया है, जिसमें कहा गया था कि अपराध के लिए कड़े दंड के प्रावधान होंगे।
पाकिस्तान कहता है कि तालिबान बदल चुका है और यह उदारवादी है, इसलिए विश्व भर के देशों को इसे मान्यता देनी चाहिए, लेकिन तालिबान ने क्रूरता दिखाना शुरू कर दिया है।
एक स्थानीय अधिकारी ने कहा कि एक व्यापारी और उसके बेटे का कथित तौर पर अपहरण करने के बाद हुई मुठभेड़ में ये लोग मारे गए।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्थानीय मीडिया ने हेरात के डिप्टी गवर्नर मौलवई शायर अहमद इमर के हवाले से कहा कि तालिबान लड़ाकों ने कथित अपहरणकर्ताओं को ढूंढ निकाला और सभी को मार गिराया।
अधिकारी ने कहा, हमने अन्य अपहरणकर्ताओं को चेतावनी देने के लिए उनके शवों को हेरात चौकों पर लटका दिया।
15 अगस्त को अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद से तालिबान अपने पिछले कार्यकाल की तुलना में नरम शासन का वादा कर रहा है, मगर हालिया घटनाक्रमों से ऐसा प्रतीत नहीं हो रहा है कि यह बदला हुआ यानी उदार तालिबान है।
तालिबान के नियंत्रण स्थापित किए जाने के बाद से देश भर में मानवाधिकारों के हनन की कई खबरें पहले ही सामने आ चुकी हैं।
तालिबान के कुख्यात धार्मिक पुलिस प्रमुख, मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी, जो अब जेलों का प्रभारी है, ने गुरुवार को कहा था कि अफगानिस्तान में फांसी और विच्छेदन (अंग-विच्छेद) जैसी कड़ी सजा फिर से शुरू होगी क्योंकि यह सुरक्षा के लिए आवश्यक है।