पटना/तमिलनाडु: Youtuber मनीष कश्यप (Manish Kashyap) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जानकारी के मुताबिक अब कम से कम उसे 11 महीने तक जेल (Jail) में रहना पड़ेगा।
क्योंकि मनीष पर NSA लगाने के राज्य सरकार (State Government) के फैसले पर तमिलनाडु (Tamil Nadu) के राज्यपाल रविंद्र नारायण रवि (Ravindra Narayan Ravi) की मुहर लग गई है।
और अधिसूचना जारी कर दी गई है। 5 अप्रैल को मनीष पर तमिलनाडु सरकार ने NSA लगाया था। और अब उन्हें 11 महीने और जेल में रहना पड़ेगा।
अवधि बढ़ाई भी जा सकती
आपको बता दें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (National Security Act) के अनुसार आरोपी व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है।
और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है। इसके साथ ही हिरासत में रखने के लिए आरोप तय करने की भी जरूरत नहीं होती और हिरासत की अवधि को 12 महीने तक किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से भी मनीष कश्यप को झटका लगा
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से भी मनीष कश्यप को झटका लगा। जब कोर्ट ने मनीष कश्यप की सारी दलीलें खारिज करते हुए इस मामले में हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया था।
मनीष के वकील ने बिहार और Tamil Nadu में दर्ज सभी FIR को क्लब करने, रेगुलर जमानत देने और NSA हटाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
आपको बता दें मनीष पर तमिलनाडु में बिहारियों की पिटाई के Fake Video प्रसारित करने के आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया इंकार
इस मामले पर चीफ जस्टिस DY Chandrachud, जस्टिस PS Narasimha और जेबी पारदीवाला ने कहा था कि तमिलनाडु एक शांत राज्य है, क्या आप कुछ भी प्रसारित करके राज्य में अशांति पैदा करेंगे।
हम इन सब पर सुनवाई नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मनीष कश्यप के खिलाफ सभी 19 प्राथमिकियों को मिलाने और उन्हें बिहार (Bihar) ट्रांसफर करने कीअनुरोध करने वाली याचिका को भी खारिज कर दिया। YouTuber मनीष तमिलनाडु की मदुरै जेल में बंद है।
मनीष कश्यप पर तमिलनाडु में दर्ज हैं 6 FIR
मनीष कश्यप पर बिहार और तमिलनाडु (Bihar and Tamil Nadu) में 6 FIR दर्ज हैं। आपको बता दें तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों (Bihari Laborers) की पिटाई मामले में घर की कुर्की के आदेश के बाद कश्यप ने 18 मार्च को बिहार के जगदीशपुर थाने में आत्मसमर्पण (Surrender) किया था।
जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उसे तमिलनाडु लाया गया जहां अप्रैल में उसके खिलाफ रासुका लगाया गया।