हजारीबाग: जल जीवन मिशन को लेकर बुधवार को जिला स्तरीय कार्यशाला होटल विनायका के सभागार में आयोजित हुआ।
इसका उद्घाटन उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद, उपविकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा, अधीक्षण अभियंता हरेन्द्र मिश्र ने दीप जलाकर की।
मौके पर उपायुक्त ने कहा कि पूरी योजना व सामाजिक सहभागिता से ही लक्ष्य तक पहुंचना संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय निर्माण में निर्धारित समय तक लक्ष्य पाना संभव नहीं हो पाया था। इसमें कुशल कारीगरों की कमी आड़े आई थी।
ऐसी समस्याओं से निदान के लिए प्रारंभ से ही कार्य करने की जरूरत है। शौचालय निर्माण मामले का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने कहा कि गांव के ओडीएफ हो जाने के बाद भी कई लोगों के घरों में शौचालय का निर्माण नहीं हो पाया था। ऐसा बेस लाईन सर्वे में गड़बड़ी के कारण हुआ।
ऐसी कमियों व गड़बड़ियों को प्रारंभ से ही ध्यान में रखकर इसके निदान की योजना बनानी चाहिए। उपायुक्त ने यह भी कहा कि केवल घरों तक नल पहुंचाना महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि पानी भी घर तक पहुंचे यह मुख्य उद्देश्य है। इस दिशा में सामूहिक प्रयास से ही काम किया जा सकता है।
उपविकास आयुक्त अभय कुमार सिन्हा ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के दौरान जिस प्रकार से काम किया गया, उसे हीं ध्यान में रखकर इस योजना के तहत ही काम करने की जरूरत होगी।
उन्होंने सरकार द्वारा इसे मिशन मोड में प्रारंभ किए जाने की जानकारी देते हुए कहा कि आने वाले समय में केंद्र से लेकर राज्य एवं जिला प्रशासन का जोर भी इसी योजना पर होगा।
उन्होंने पंचायती राज्य से जुड़े लोगों की सहभागिता पर भी बल दिया।
साथ ही जल संरक्षण पर भी जोर दिया। अधीक्षण अभियंता हरेन्द्र मिश्र ने कहा कि पूरे जिले में करीब तीन लाख 31 हजार 421 घर हैं। इसमें से अब तक 16195 घरों में नल से जल पहुंचा हुआ है।
शेष 3 लाख 16 हजार से अधिक घरों में 2024 तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य है।
उन्होंने यह भी बताया कि मार्च 2021 तक 25735 घरों तक, मार्च 2022 तक 70 हजार घरों तक, मार्च 2023 तक 1 लाख 8 हजार घरों तक एवं 2024 तक शेष 1 लाख 12 हजार घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
कार्यपालक अभियंता राकेश मार्कंडेय ने कहा कि बहते हुए जल स्रोत से नल से जल पहुंचाने का प्रयास किया जाना है। इसके बाद भूमिगत जल का उपयोग करना है।