मुंबई: ऐसे समय में जब भारतीय इक्विटी बाजार अपने उच्च स्तर पर पहुंचा है, टाटा संस भारत में सूचीबद्ध (लिस्टेड) कंपनियों के सबसे बड़े प्रवर्तक के रूप में उभरकर सामने आई है।
कंपनी 2020 के अंत तक सूचीबद्ध कंपनियों के प्रमोटर के मामले में केंद्र से भी आगे निकल गई है।
बता दें कि पिछले 20 वर्षों में ऐसा पहली बार हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हाल के दिनों में सरकारी कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है और इससे उनका मार्केट कैपिटलाइजेशन कम हुआ है, वहीं वहीं, टाटा सन्स देश की लिस्टेड कंपनियों के सबसे बड़े प्रमोटर के तौर पर उभरा है।
लिस्टेड कंपनियों में टाटा संस की हिस्सेदारी की वैल्यू पिछले एक साल में 34 प्रतिशत बढ़ी है, जो कि अब 9.28 लाख करोड़ रुपये हो गई है, वहीं सरकार की हिस्सेदारी की वैल्यू 9.24 लाख करोड़ रुपये है।
पिछले एक साल में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों यानी पीएसयू में सेंटर्स की हिस्सेदारी करीब 20 प्रतिशत घट गई है।
2020 के अंत में टाटा समूह की कंपनियों का कुल बाजार मूल्यांकन 15.6 लाख करोड़ रुपये था, जबकि 2019 में यह 11.6 लाख करोड़ रुपये था।
वहीं दूसरी ओर, 2020 के अंत तक सूचीबद्ध सरकारी कंपनियों का रुख ठंडा पड़ता दिखाई दिया।
इनका 2020 में कुल बाजार मूल्यांकन 15.3 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले 18.6 लाख करोड़ रुपये था।
वर्ष 2020 में टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स की शेयर कीमत 85 प्रतिशत बढ़ी।