नई दिल्ली: पेट्रोल की कीमतें मध्य प्रदेश और राजस्थान में शतक लगा चुकी हैं। डीजल भी बराबरी से उसके पीछे-पीछे चल रहा है।
दोनों की कीमतों में कुछ न कुछ पैसे लगभग रोजाना बढ़ोतरी हो रही है।
9 फरवरी से अब तक दिल्ली में पेट्रोल का दाम 3.28 रुपए और डीजल का दाम 3.49 रुपए बढ़ चुका है।
केंद्र सरकार का कहना है कि पेट्रोल-डीजल की कीमतें कम करना उसके हाथ में नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है।
ये सब तब हो रहा है, जब कच्चे तेल की कीमत कांग्रेस सरकार की तुलना में लगभग आधी हो चुकी है।
13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी, घटाई सिर्फ तीन बार
केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी के जरिए टैक्स लेती है। मई 2014 में जब मोदी सरकार आई थी, तब केंद्र सरकार एक लीटर पेट्रोल पर 10.38 रुपए और डीजल पर 4.52 रुपए टैक्स वसूलती थी।
ये टैक्स एक्साइज ड्यूटी के रूप में लिया जाता है। मोदी सरकार में 13 बार एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई गई है, लेकिन घटी सिर्फ तीन बार। आखिरी बार मई 2020 में एक्साइज ड्यूटी बढ़ी थी।
इस वक्त एक लीटर पेट्रोल पर 32.98 रुपए और डीजल पर 31.83 रुपए एक्साइज ड्यूटी लगती है। मोदी के आने के बाद केंद्र सरकार पेट्रोल पर तीन गुना और डीजल पर 7 गुना टैक्स बढ़ा चुकी है।
सरकार की कमाई तीन गुना बढ़ी
पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी से केंद्र सरकार की अच्छी-खासी कमाई होती है। मोदी सरकार ने तो इससे कमाई तीन गुना तक बढ़ा ली है।
पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस सेल मुताबिक 2013-14 में सिर्फ एक्साइज ड्यूटी से सरकार ने 77,982 करोड़ रुपए कमाए थे।
जबकि 2019-20 में 2.23 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हुई। 2020-21 के पहली छमाही में यानी अप्रैल से सितंबर तक मोदी सरकार को 1.31 लाख करोड़ रुपए की कमाई हुई।
अगर इसमें और दूसरे टैक्स भी जोड़ लें, तो ये कमाई 1.53 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। ये आंकड़ा और ज्यादा होता, अगर कोरोना नहीं आया होता और लॉकडाउन न लगा होता।