रांची: झारखंड के सरकारी स्कूलों के वैसे शिक्षकों की परेशानी बढ़ सकती है, जो अपने अंतरजिला स्थानांतरण की इच्छा रखते हैं।
उनका स्थानांतरण उनकी भाषा और उनके द्वारा पढ़ाये जानेवाले विषय के आधार पर फंस सकता है। ऐसा स्थानांतरण नियमावली को लेकर सरकार के एक फैसले के कारण हो होगा।
दरअसल, झारखंड के स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग ने फैसला किया है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षकों का अंतरजिला स्थानांतरण भाषा और विषय के आधार पर किया जायेगा।
मतलब, जिस जिले में जो भाषा बोली जाती है, उसी के आधार पर शिक्षकों का अंतर जिला स्थानांतरण किया जायेगा। वहीं, ऐसा नियम लागू होने पर 2015-16 के पहले नियुक्त शिक्षक इसका लाभ नहीं ले सकेंगे और उन्हें अंतरजिला स्थानांतरण में मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
गौरतलब है कि झारखंड में वर्ष 2015 से पहले स्थानीय भाषा के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होती थी। वहीं, प्राइमरी स्कूलों में (पहली से पांचवीं क्लास तक) शिक्षकों की नियुक्ति विषयवार नहीं होती है। ऐसे में इनके पुराने शिक्षकों के लिए स्थानीय भाषा या विषय के आधार पर स्थानांतरण मुश्किल दिख रहा है।
इसमें उन शिक्षकों का भी स्थानांतरण नहीं हो पायेगा, जो पारस्परिक (म्यूचुअल) स्थानांतरण कराना चाहते हैं या जिनके पति या पत्नी दूसरे जिले में सरकारी नौकरी कर रहे हों। ऐसे में झारखंड सरकार को 2015-16 के पूर्व नियुक्त शिक्षकों की स्थानांतरण नियमावली में संशोधन करना होगा।
अगर सरकार प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के अंतरजिला स्थानांतरण के लिए विषय और स्थानीय भाषा को सभी के लिए आधार बनाती है, तो इस पर विवाद होने की पूरी संभावना है।
दूसरी ओर, विषय के आधार पर मिडिल स्कूल, हाई स्कूल और प्लस 2 स्कूल में स्थानांतरण हो सकेगा। प्राइमरी स्कूल, मिडिल स्कूल और हाई स्कूल का कैडर जिला स्तर पर होता है, वहीं प्लस 2 स्कूल का कैडर राज्य स्तर पर होता है।
ऐसे में प्राइमरी से प्लस 2 स्कूल तक के शिक्षकों को पूरे सेवाकाल में एक बार अंतरजिला स्थानांतरण की सुविधा मिल पायेगी। हालांकि, जो शिक्षक अपने होम टाउन में नहीं हैं, उन्हें अपने होम टाउन में आने का मौका मिलेगा। साथ ही, वैसे शिक्षक जो झारखंड के नहीं हैं, वे सीमावर्ती जिलों में अंतरजिला स्थानांतरित किये जा सकेंगे।
सरकारी शिक्षकों के स्थानांतरण के लिए पहले से ही पांच ग्रेड तय हैं, जिनमें शहरी, नगर परिषद- प्रखंडस्तरीय, पंचायतस्तरीय, ग्रामीण, सुदूर-नक्सल प्रभावित क्षेत्र का ग्रेड तय है। नयी स्थानांतरण नियमावली के मुताबिक स्थानांतरण में एक जिले से दूसरे जिले में भी इसी आधार पर स्थानांतरण हो पायेगा।
जो शिक्षक पांच साल से ज्यादा सीमा से किसी ग्रेड में होंगे, उन्हें उस ग्रेड से दूसरे ग्रेड में स्थानांतरित किया जायेगा। यदि कोई शिक्षक पांच साल से किसी शहरी क्षेत्र में है, तो अंतरजिला स्थानांतरण में उसे दूसरे जिले के शहरी क्षेत्र में नहीं, बल्कि नगर परिषद-प्रखंड स्तर के क्षेत्र में स्थानांतरित किया जायेगा।
बताया जा रहा है कि इस नयी स्थानांतरण नियमावली का प्रस्ताव अगले महीने शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो को सौंपा जायेगा। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा के निर्देश के बाद विभाग इसे अंतिम रूप देने की तैयारी में है।
इतना ही नहीं, इस नयी स्थानांतरण नियमावली पर विद्वानों की राय भी ली जा रही है कि नियमावली के आने के बाद किसी प्रकार की त्रुटि न हो, न ही स्थानांतरण में कोई मुश्किल आये। 2019 में आयी पिछली नियुक्ति नियमावली के मुताबिक राज्य में एक भी स्थानांतरण नहीं हो सका था।