नई दिल्ली: लगातार दुर्घटनाग्रस्त हो रहे स्वदेशी एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर (Indigenous Advanced Light Helicopter) ध्रुव (Dhruv) की जांच में तकनीकी गड़बड़ी पाई गई है।
इन ‘मेड इन इंडिया’ (Made in India) हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल तीनों सेनाओं के अलावा इंडियन कोस्ट गार्ड भी करता है।
इस साल की शुरुआत से लगातार हादसों के बाद से दो बार Helicopter Dhruv की फ्लाइंग रोककर जांच की जा चुकी है।
इन्हीं जांचों में हेलीकॉप्टर के कुछ यंत्रों की डिजाइन और मेटलर्जिकल दिक्कत का पता चला है।
इन तकनीकी खामियों को ठीक करने के बाद ही ‘ग्राउंडेड’ ध्रुव हेलीकॉप्टरों को उड़ाने की मंजूरी मिल सकेगी।
ALH ध्रुव 5.5 टन वजन वर्ग में दो इंजन वाला बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर
भारतीय नौसेना, वायुसेना, थल सेना और तटरक्षक बल के पास कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं।
इंडियन एयरफोर्स के पास 107, इंडियन आर्मी के पास 191, नौसेना के पास 14 और कोस्ट गार्ड के पास 13 हेलीकॉप्टर हैं।
इसके अलावा नौसेना ने 11 और आर्मी ने 73 हेलीकॉप्टर खरीदने के ऑर्डर दे रखे हैं।
ALH ध्रुव हेलीकॉप्टरों को सरकारी एयरोस्पेस कंपनी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने डिजाइन और विकसित किया है।
ALH ध्रुव 5.5 टन वजन वर्ग में दो इंजन वाला बहुउद्देश्यीय हेलीकॉप्टर है।
2002 में सैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण होने के बाद इसे सेनाओं में शामिल किया गया था।
तीनों सेनाओं और कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टरों की जांच शुरू की
देश में 20 साल के भीतर 24 से ज्यादा ALH ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। 2017-2021 के बीच छह दुर्घटनाएं हुईं, जबकि इस साल 4 माह के अंदर 3 ध्रुव हेलीकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हुए हैं।
हर दुर्घटना के बाद सेनाओं ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं।
इन्हीं हादसों की वजह से भारतीय सेना और वायुसेना को अपने ध्रुव हेलीकॉप्टर की फ्लीट को उड़ान भरने से रोकना पड़ा था।
इसके बाद तीनों सेनाओं और कोस्ट गार्ड के हेलीकॉप्टरों की जांच शुरू की गई।
कुछ यंत्रों में डिजाइनिंग और मेटलर्जिकल दिक्कत का पता लगाया
जांच में स्वदेशी ध्रुव हेलीकॉप्टर के कुछ यंत्रों में डिजाइनिंग और मेटलर्जिकल दिक्कत का पता लगाया गया है।
कुछ हेलीकॉप्टरों में यह समस्या ठीक कर दी गई, जबकि कुछ हेलीकॉप्टरों को ठीक किया जा रहा है।
ठीक किये जा चुके हेलीकॉप्टरों को उनके तय स्थानों पर तैनात कर दिया गया है और उन्होंने उड़ान भरनी शुरू कर दी हैं।
बाकी हेलीकॉप्टर ठीक होने के बाद अपने-अपने तय स्थानों पर भेज दिए जाएंगे।