नई दिल्ली: हाल के वर्षों में लोग समय की बचत और अन्य सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन रिटेल पर अधिक निर्भर हो गए हैं।
डिजिटल पर निर्भरता बढ़ने के बाद स्थानीय दुकानों में मिलने वाली चीजों की खरीददारी कम हो गई।
ऑनलाइन शॉपिंग के अलावा लोग ज्यादातर काम ऑनलाइन करने में अधिक सहजता महसूस करते हैं, जिसके लिए उन्हें संवेदनशील जानकारियां जैसे आधार या पैन डिटेल्स की आवश्यकता पड़ती है।
एक सर्वेक्षण में खुलासा हुआ है कि देश में करीब 33 फीसदी लोग अपने संवेदनशील डेटा जैसे कंप्यूटर पासवर्ड, बैंक अकाउंट, क्रेडिट और डेबिट कार्ड डिटेल्स के साथ-साथ आधार कार्ड या पैन कार्ड डिटेल्स जैसे अन्य व्यक्तिगत डेटा को ईमेल, अपने स्मार्टफोन फोन या कंप्यूटर में असुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं।
सर्वे में भारत के 393 जिलों के 24,000 लोगों से सवाल किए गए थे, जिनमें से 39 प्रतिशत लोगों ने इन सभी डिटेल्स एक कागज पर लिखी थी, जबकि 21 फीसदी ने उन्हें याद रखने का दावा किया।
सर्वे के अनुसार करीब 29 फीसदी भारतीय अपने एटीएम या डेबिट कार्ड पिन डिटेल्स अपने करीबी परिवार के सदस्यों के साथ शेयर करते हैं, जबकि लगभग चार प्रतिशत अपने घरेलू या ऑफिस के सहयोगी के साथ इन डिटेल्स को शेयर करते हैं।
उल्लेखनीय है कि ऑनलाइन वेबसाइटों को दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों के बाद अपराधियों के लिए साइबर अटैक कर लोगों के अकाउंट से पैसे निकालना काफी आसान हो गया है।
इसलिए, एटीएम धोखाधड़ी, डेबिट या क्रेडिट कार्ड को हैक कर उपयोग करना या झूठी पहचान पर जारी किए गए मोबाइल नंबरों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है।