नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कुछ डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म की ओर से केंद्र सरकार के नए आईटी रूल्स को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है।
जस्टिस सी हरिशंकर की अध्यक्षता वाली वेकेशन बेंच ने इस मामले में कोई भी अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया।
सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा कि मीडिया को नए आईटी रूल्स के तहत निरोधात्मक कार्रवाई से छूट मिलनी चाहिए।
तब कोर्ट ने कहा कि वेकेशन बेंच की ओर से कोई राहत नहीं दी जा सकती है।
केंद्र सरकार केवल आईटी नियमों पर जारी नोटिफिकेशन का पालन कर रही है जिस पर अभी रोक नहीं लगी है।
इस पर रोक के लिए दो बार डिवीजन बेंच से मांग की जा चुकी है लेकिन कोर्ट ने रोक नहीं लगाया है। इस मामले पर रेगुलर बेंच 7 जुलाई को सुनवाई करेगी।
इसके पहले 21 जून को जस्टिस अनूप जयराभ भांभानी ने इस याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था।
डिजिटल मीडिया संगठनों की ओर से वकील नित्या रामकृष्णन ने कहा था कि नई आईटी रूल्स में न्यूज मीडिया को अतिरिक्त रेगुलेटरी व्यवस्था से गुजरना होगा।
उन्होंने कहा था कि मीडिया संगठनों को आईटी रूल्स के खंड तीन के तहत निरोधात्मक कार्रवाई से छूट मिलनी चाहिए।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल आईटी रूल्स पर रोक लगाने से इनकार करते हुए कहा था कि अगर मीडिया संगठनों के खिलाफ कोई निरोधात्मक कार्रवाई होती है तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाने के लिए स्वतंत्र हैं।
याचिका में कहा गया है कि नया आईटी रूल्स मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। आईटी रूल्स मीडिया के न्यूज कंटेंट को रेगुलेट करने की कोशिश है।
याचिका में कहा गया है नए आईटी रूल्स से प्रेस काउंसिल एक्ट और प्रोग्राम कोड का महत्व खत्म हो गया है।
याचिका में आईटी रूल्स की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। ये रूल्स संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) और अनुच्छेद 14 का उल्लंघन हैं।