पटना: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के पटना में आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर में राजद नेता तेजप्रताप यादव के नहीं आने तथा राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद द्वारा शिविर में तेजस्वी यादव की प्रशंसा करने और तेजप्रताप के नाम नहीं लेने के बाद राज्य की सियासत में यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि तेजप्रताप अपनी ही पार्टी में अलग-थलग पड़ गए हैं।
हालांकि राजद का कोई भी नेता इस मामले में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है।
पटना में दो दिन पहले राजद के प्रशिक्षण शिविर में ऐसे तो करीब-करीब सभी नेता पहुंचे, लेकिन लालू प्रसाद के बड़े पुत्र तेजप्रताप यादव नजर नहीं आए।
शिविर में पार्टी के अध्यक्ष लालू प्रसाद दिल्ली से जब वर्चुअली कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे तब भी उन्होंने राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह और अपने छोटे पुत्र तेजस्वी यादव का नाम तो लिया, लेकिन तेजप्रताप के बारे में कुछ नहीं बोले। इसके बाद इन अटकलों को और बल मिल गया है।
लालू प्रसाद ने तो प्रशिक्षण शिविर में तेजस्वी की प्रशंसा करते हुए कहा कि राजद के नेता और कार्यकर्ताओं ने तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार किया है।
तेजस्वी यादव बढ़िया काम कर रहे हैं और बिहार चुनाव में बहुत मेहनत की है।
इस बीच, लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप ने अपना अलग संगठन बना लिया है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह से तनातनी के बाद तेजप्रताप ने छात्र जनशक्ति परिषद नाम का संगठन बनाया है।
तेजप्रताप ने संगठन बनाने की घोषणा के साथ ही कहा कि यह संगठन बिहार के बाहर भी काम करेगा।
माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी संगठन सक्रिय रहेगा।
इधर, राजद के एक नेता हालांकि इन अटकलों को सही नहीं मानते। राजद के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि राजद में कहीं कोई गुट नहीं है।
तेजस्वी हों या तेजप्रताप हों, सभी साथ मिलकर काम कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि तेजप्रताप कहीं व्यस्त होंगे इसलिए प्रशिक्षण शिविर में नहीं आ सके।
उल्लेखनीय है कि हसनपुर से विधायक तेजप्रताप यादव और जगदानंद के बीच पिछले दिनों राजद की छात्र इकाई को लेकर विवाद हुआ था।