पटना: बिहार के मुख्यमंत्री के तौर पर नीतीश कुमार जब सोमवार को सातवीं बार शपथ ले रहे थे तब राजद व महागठबंधन बिहार चुनाव में मुख्यमंत्री पद के दावेदार रहे तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह से नदारद थे।
उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह से पहले ही एलान कर दिया था कि वह समारोह में शामिल नहीं होंगे।
हालांकि अबतक यह साफ नहीं किया गया है कि तेजस्वी यादव शपथ ग्रहण समारोह में क्यों नहीं शामिल हुए।
शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए तेजस्वी यादव समेत विपक्ष के अन्य नेताओं को भी राजभवन से आमंत्रण भेजा गया था। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत कई अन्य बड़े चेहरे शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित थे लेकिन तेजस्वी यादव ने इस से दूरी बना ली।
उधर, एनडीए सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस और लोजपा के नेताओं को तो न्यौता भी नहीं भेजा गया था। कांग्रेस और लोजपा से आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक दोनों दलों को शपथ ग्रहण समारोह के लिए आमंत्रण पत्र नहीं भेजा गया है।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कोई आमंत्रण नहीं मिला है। लिहाजा शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता।
वहीं जदयू के प्रवक्ता ने कहा कि कोरोना काल को देखते हुए सीमित लोगोे के ही आमंत्रित किया गया था।
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा कि अब तक के शपथ ग्रहण समारोहों में सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किए जाने की परिपाटी रही है लेकिन इस बार ऐसा नजर नहीं आया।
उधर, लोक जनशक्ति पार्टी के नेताओं को भी शपथ ग्रहण समारोह का कोई आमंत्रण नहीं मिला है। लोजपा प्रदेश कार्यालय के आधिकारिक सूत्र बता रहे हैं कि उन्हें राजभवन से इसके लिए कोई आमंत्रण पत्र नहीं भेजा गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान दिल्ली में हैं जबकि उनके चाचा पशुपति कुमार पारस भी दिल्ली में ही हैं।