नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का रविवार को आरजेडी में विलय कर दिया है। ऐलान के बाद शरद यादव और तेजस्वी यादव ने विपक्ष के सभी नेताओं को एकजुट होने का इशारा किया है ताकि मौजूदा केन्द्र सरकार से मुकाबला किया जा सके।
इस मौके पर तेजस्वी यादव ने विपक्ष को एक साथ जोड़ने और सरकार को हराने के लिए कांग्रेस की एक बड़ी भूमिका की बात कही है।
साथ ही तेजस्वी ने अपना एक सुझाव साझा करते हुए बताया कि, किस तरह कांग्रेस हमारे साथ मिल सरकार को हरा सकती है।
हालांकि, तेजस्वी यादव ने इस बात का भी जिक्र किया कि, विपक्षी दलों ने सरकार से लड़ने के तैयारी में देरी कर दी है।
उन्होंने कहा, हम लोगों को 2019 से ही साथ रहना चाहिए था। शरद जी का निर्णय इस दौर में काफी निडर निर्णय है।
सुझाव को साझा करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि, कांग्रेस देश में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है, कांग्रेस की जवाबदेही और जिम्मेदारी बड़ी है।
हमने हर बैठक में कहा है कि बिना कांग्रेस विपक्ष की कल्पना नहीं कर सकते। कांग्रेस साथ में रहेगी तभी विपक्ष की कल्पना कर सकते हैं।
कांग्रेस को यह अब सोचना है कि जिन क्षेत्रों में रीजनल पार्टी स्ट्रांग है। पश्चिम बंगाल में ममता जी, यूपी में अखिलेश और बिहार में आरजेडी है तो उनके हाथ कांग्रेस मजबूत करे।
बाकी 200 लोकसभा सीटों पर कांग्रेस और भाजपा की सीधी लड़ाई है तो यदि इन सीटों पर कांग्रेस मजबूती के साथ तैयारी करे और क्षेत्रीय दलों में रीजनल पार्टी तैयारी करें तब यह काम हो सकता है।
यूपी में जो भी नतीजे आये उसमें 50 से 60 फीसदी भाजपा के खिलाफ वोट मिला है। इतने फीसदी वोट खिलाफ मिल रहा है यानी लोगों को एकजुट करना है।
यदि वह एकजुट रहते तो शायद ऐसा नतीजा न दिखता। इसी की बात भी हम कर रहे हैं और इसकी शुरूआत हमने की है।
तेजस्वी के मुताबिक, आजकल की राजनीति 24 घण्टो की हो चुकी है। कुछ लोग समाचार में आने के लिए अपना पीआर बना रहे हैं उसे संघर्ष नहीं कहा जाता। जो जमीनी स्तर पर संघर्ष करते उसे ही संघर्ष कहते हैं।
इसके अलावा तेजस्वी यादव ने कहा, शरद यादव हमारे अभिवावक है, देश के एक बड़े नेता हैं। शरद यादव के निर्णय के उद्देश्य सभी समाजवादियों को एक करने के लिए निर्णय लिया है।
शरद जी की सेहत भले ही ठीक नहीं लेकिन यह बैठ कर ही विपक्ष को एक साथ जोड़ने का प्रयास करेंगे। रीजनल दलों से बातचीत की जाएगी, वहीं हम जमीन पर उतर इसपर काम करेंगे और मुद्दों पर बहस करेंगे।
फिल्मों से ही एजेंडा तय नहीं होगा, जनता महंगाई से मर रही है। नौजवान बेरोजगारी से पीड़ित है शिक्षा चिकित्सा नहीं है।