हैदराबाद : रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए तेलंगाना के मुख्यमंत्री (Telangana CM) के. चंद्रशेखर राव (K. Chandrasekhar Rao) ने अब कांग्रेस (Congress) पार्टी पर निशाना साधना शुरू कर दिया है और BJP को बख्श दिया है।
काफी समय से BJP उनके टारगेट पर थी। KCR ने इस सप्ताह निर्मल और नागरकुरनूल जिलों में जनसभाओं में आश्चर्यजनक रूप से कांग्रेस पार्टी पर हमला किया, और BJP की आलोचना करने से परहेज किया।
उनके भाषणों का लहजा और तेवर 2023 के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले रणनीति में बड़े बदलाव का संकेत दे रहे हैं।
लोगों से पार्टी को बंगाल की खाड़ी में फेंकने का आह्वान किया
दोनों जनसभाओं में, भारत राष्ट्र समिति (BRS) प्रमुख ने कांग्रेस पार्टी की आलोचना की और लोगों से पार्टी को बंगाल की खाड़ी में फेंकने का आह्वान किया। कुछ समय पहले तक KCR BJP के लिए इसी तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे।
कांग्रेस नेताओं के वादे के बाद कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह धरनी पोर्टल को खत्म कर देगी, KCR कांग्रेस पर पलटवार कर रहे हैं।
नागरकुरनूल में 6 जून को जनसभा में उन्होंने कहा, धरनी पोर्टल को बंगाल की खाड़ी में फेंकने की बात करने वालों को ही बंगाल की खाड़ी में फेंक देना चाहिए।
कांग्रेस पार्टी का दावा है कि
राजस्व प्रणाली में बड़े पैमाने पर सुधार के तहत BRS सरकार 2020 में सभी भूमि रिकॉर्ड (Land Record) के लिए वन-स्टॉप सॉल्यूशन (One-Stop Solution) के रूप में धरनी पोर्टल लाई थी।
हालांकि, कांग्रेस पार्टी का दावा है कि धरनी ने भूमि मालिकों, विशेषकर किसानों की समस्याओं को बढ़ाया है।
नागरकुर्नूल (Nagarkurnool) में अपनी जनसभा में केसीआर ने कांग्रेस पर चौतरफा हमला करते हुए कहा कि धरणी को निरस्त कर कांग्रेस राजस्व प्रशासन में बिचौलियों और भ्रष्टाचार के शासन को वापस लाना चाहती है।
यह बदलाव कर्नाटक में आया कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद
BRS प्रमुख, हालांकि, BJP पर चुप रहे, जबकि BJP भी धरणी की आलोचना कर रही है।
केंद्रीय पर्यटन और संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी (G. Kishan Reddy) ने पिछले महीने कहा था कि KCR परिवार और BRS धरणी पोर्टल का इस्तेमाल कर लोगों को लूट रहे हैं।
पिछले 2 वर्षों में अपनी अधिकांश जनसभाओं में, केसीआर ने नफरत की राजनीति से लेकर तेलंगाना के खिलाफ भेदभाव के मुद्दों पर BJP और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था।
हालांकि यह साफ नहीं है कि BRS प्रमुख रणनीति में क्यों बदलाव कर रहे हैं। लेकिन यह बदलाव कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी के सत्ता में आने के कुछ दिनों बाद आया है।
KCR के बेटे और BRS के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामाराव ने कहा है कि कर्नाटक चुनाव का तेलंगाना पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
2019 तक KCR BJP को राज्य में एक गैर-मौजूद ताकत के रूप में खारिज करते
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कर्नाटक में BJP की चुनावी हार के मद्देनजर बदले हुए राजनीतिक समीकरणों के कारण KCR ने अपना रुख बदला है।
BRS छोड़ने वाले या हाल के दिनों में पार्टी से निष्कासित नेता अब राज्य में बदलते राजनीतिक माहौल में BJP के मुकाबले कांग्रेस को तरजीह दे सकते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव तक KCR BJP को राज्य में एक गैर-मौजूद ताकत के रूप में खारिज करते थे।
हालांकि, राज्य की 17 में से 4 लोकसभा सीटें जीतकर BJP ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा दी और दो विधानसभा उपचुनावों में जीत ने इसे और मजबूत कर दिया।
KCR ने पत्रकारों से बातचीत की
यह भी कहा जा सकता है कि KCR के रुख में बदलाव BJP को नजरअंदाज करने की रणनीति हो सकती है और यह एक नैरेटिव हो सकता है कि आने वाले चुनावों में कांग्रेस TRC के लिए मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी।
पिछले हफ्ते KCR ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान टिप्पणी की थी कि BJP की समाज में कोई उपस्थिति नहीं है और यह केवल सोशल मीडिया पर मौजूद है।