नई दिल्ली : दूरसंचार नियामक (TRAI) कॉल ड्रॉप या नेटवर्क (Call Drop or Network) की दिक्कत से जूझ रहे उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए नियमों (Rules) को सख्त बनाने जा रहा है।
इसके तहत खराब नेटवर्क और इंटरनेट डाटा (Network and Internet Data) में गड़बड़ी पाए जाने पर दूरसंचार कंपनियों पर कठोर र्कारवाई होगी और जुर्माना लगाया जाएगा। कंपनियों की जवाबदेही तय करने के लिए राज्य और जिला स्तर पर सेवा की गुणवत्ता जांच की जाएगी।
गौरतलब है कि इसी साल अगस्त में ट्राई ने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए कड़े प्रदर्शन मानदंड प्रस्तावित किए थे। ट्राई का कहना था कि ग्राहकों की ओर से कॉल ड्रॉप की कई शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
देश में 4जी की व्यापक पहुंच और 5जी सेवाओं की शुरुआत होने के बाद भी मामले बढ़ रहे हैं। इससे निपटने के लिए सेवा गुणवत्ता का आकलन दूरसंचार सर्किल के बजाए अब जिला स्तर पर भी करना होगा।
ट्राई ने इस संबंध में 20 सितंबर तक संबंधित पक्षों से सुझाव मांगे थे। हितधारकों के परामर्श के बाद नियमों को जल्द ही जारी किया जाएगा।
राज्य और जिला स्तर पर डाटा आकलन की योजना का दूरसंचार उद्योग (Telecommunications Industry) विरोध कर रहा है। कंपनियों का कहना है कि नेटवर्क को टेलीकॉम सर्कल के अनुसार संचालित किया जाता है।
टेलीकॉम कंपनियों को किया जा सकता है दंडित
ऐसे में सॉफ्टवेयर सिस्टम (Software System) उसी के अनुसार काम करता है। कंपनियों का मानना है कि राज्यवार डाटा साझा करना मुश्किल होगा, क्योंकि अलग-अलग लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों के लिए अलग-अलग क्षेत्राधिकार शामिल हैं। इसके अलावा, डेटा को जुटाने और कोऑर्डिनेट करने में दिक्कतें होंगी
ट्राई के मुताबिक, नई व्यवस्था को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसमें गुणवत्ता मापदंडों को पूरा नहीं करने पर दूरसंचार कंपनियों पर कार्रवाई होगी। वर्तमान में, गुणवत्ता आकलन टेलीकॉम सर्कल स्तर पर होता है।
अगर कुछ टेलीकॉम साइट लंबे समय तक भी बंद रहती हैं, तो सही आकड़ा नहीं मिल पाता है। अगर जिला स्तर पर इसे किया जाए तो अधिक विस्तृत आंकड़े प्राप्त होंगे। अगर साइट लंबे समय तक बंद रहती हैं तो टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) को दंडित किया जा सकता है।