Pahalgam terror attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद नियंत्रण रेखा (LoC) पर तनाव चरम पर है। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली थी, जिसे भारत ने पाकिस्तान समर्थित बताया। इस तनाव के बीच, LoC के पास पुंछ, राजौरी, और बारामुल्ला जैसे सीमावर्ती जिलों में रहने वाले ग्रामीणों को भूमिगत बंकरों को साफ करने और तैयार करने के लिए कहा गया है।
डर के माहौल में ग्रामीण पुराने बंकरों में कंबल, बिस्तर, और जरूरी सामान जमा कर रहे हैं, ताकि गोलीबारी या तनाव बढ़ने की स्थिति में परिवारों को सुरक्षित रखा जा सके।
पुंछ-राजौरी के गांवों में डर का माहौल, फिर भी सरकार के साथ
पुंछ जिले के एक गांव के निवासी ने कहा, “लोग बंकरों को भूल चुके थे, लेकिन अब फिर से सफाई शुरू हो गई है। डर का माहौल है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि घाटी में शांति बनी रहे।” एक अन्य ग्रामीण ने कहा, “हम सरकार और सेना के साथ हैं।
हम पहलगाम हमले की कड़ी निंदा करते हैं। जब भी जरूरत पड़े, हम हर तरह से मदद को तैयार हैं, चाहे अपनी जान ही क्यों न देनी पड़े।”
ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव LoC के पास हैं, जहां पहले गोलीबारी की घटनाएं आम थीं। एक निवासी ने कहा, “हम बंकरों की सफाई कर रहे हैं ताकि किसी आपात स्थिति में परिवार को सुरक्षित रख सकें। केंद्र सरकार का आभार कि उन्होंने हमें ‘मोदी बंकर’ दिए, जो हमारी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं।”
इन बंकरों का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में शुरू हुआ था, विशेष रूप से 2016-2018 के बीच LoC पर भारी गोलीबारी के दौरान नागरिकों की सुरक्षा के लिए। सरकार ने पुंछ, राजौरी, और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की थी।
सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर, प्रशासन ने ग्रामीणों से सतर्क रहने को कहा
पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, और सेना ने LoC के साथ-साथ घाटी में सर्च ऑपरेशन तेज कर दिए हैं। ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी का इस्तेमाल कर संदिग्ध आतंकी ठिकानों की निगरानी की जा रही है।
प्रशासन ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना तुरंत देने को कहा है। 25-26 अप्रैल की रात को LoC पर भारत-पाक सैनिकों के बीच गोलीबारी की खबरें भी सामने आईं, जिसने तनाव को और बढ़ा दिया।
लश्कर और जैश से जुड़े 14 स्थानीय आतंकी सक्रिय
हमले की जांच में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA), जम्मू-कश्मीर पुलिस, इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), और रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) की संयुक्त टीम ने बड़ा खुलासा किया है। खुफिया एजेंसियों ने 14 स्थानीय आतंकवादियों की सूची तैयार की है, जो जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं और तीन प्रमुख पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों—हिजबुल मुजाहिदीन, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), और जैश-ए-मोहम्मद (JeM)—से जुड़े हैं। इनमें से 3 हिजबुल, 8 LeT, और 3 JeM से संबंधित हैं।
ये आतंकी 20-40 वर्ष की आयु के हैं और इन्हें हमले में लॉजिस्टिक सपोर्ट, रेकी, और हथियारों की आपूर्ति में शामिल माना जा रहा है।
जांच में पता चला कि 15 स्थानीय ओवर ग्राउंड वर्कर्स (OGWs) ने हमलावरों को हथियार, रसद, और जंगलों में रास्ता दिखाने में मदद की। इनमें से पांच मुख्य संदिग्धों पर विशेष फोकस है, जिनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस से बरामद एक चैट में इन संदिग्धों ने पाकिस्तानी आतंकियों को सपोर्ट देने की बात की थी। इसके अलावा, 200 से ज्यादा OGWs से पूछताछ चल रही है।
पाकिस्तान से हथियारों का कनेक्शन
जांच में सामने आया कि हमलावरों के पास मिले हथियार, जैसे AK-47 और ग्रेनेड, पाकिस्तान से PoK के रास्ते कश्मीर पहुंचे थे।
NIA और IB इस नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए काम कर रही हैं। सूत्रों के अनुसार, हमले की साजिश में लश्कर और हमास के बीच संबंध की भी जांच हो रही है, क्योंकि हमले का पैटर्न हमास के इजराइल में किए गए हमलों से मिलता-जुलता है।