नई दिल्ली: दिल्ली जेल अधिकारियों ने यासीन मलिक सुरक्षा चूक मामले (Yasin Malik Security Lapse Case) में चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।
टेरर फंडिंग मामले (Terror Funding Cases) में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक (Yasin Malik) को मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) का पालन किए बिना सुप्रीम कोर्ट ले जाने के बाद शुक्रवार को जेल अधिकारियों ने जांच शुरू की थी।
जेल के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि 21 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में यासीन मलिक की फिजिकल पेशी के मामले (Physical Muscle Issues) में जेल विभाग ने शुक्रवार की रात एक उप अधीक्षक, दो सहायक अधीक्षक और एक Head Warder को निलंबित कर दिया है। इन चारों को प्रारंभिक जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया जिम्मेदार पाया गया था।
DG ने तीन दिन के भीतर कहा था रिपोर्ट देने
अधिकारी ने कहा कि अन्य अधिकारियों की पहचान करने के लिए DIG तिहाड़ द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है जो इस गंभीर चूक के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।
एक वरिष्ठ जेल अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार को यासीन मलिक को सेंट्रल जेल नंबर 7 (तिहाड़) के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में पेश किया और प्रथम दृष्टया पाया कि यह संबंधित जेल अधिकारियों की ओर से चूक थी।
अधिकारी ने आगे कहा कि जेल के महानिदेशक ने दोषी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के लिए उप महानिरीक्षक राजीव सिंह (Rajeev Singh) को मामले की विस्तृत जांच करने का आदेश दिया है। DG ने तीन दिन के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था।