रांची: झारखंड के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए हाईकोर्ट तक ने दखल दी है। इसके बावजूद हालात ठीक नहीं हो पा रहे हैं। हॉस्पिटल में छह एक्सरे मशीनें लगी हैं। उसमें से एक मशीन को छेड़कर बाकी की पांच बंद पड़ी हैं।
एक्सरे मशीनों में इस्तेमाल की जाने वाली फिल्म की आपूर्ति नहीं हो रही है। इससे टेस्टिंग का पूरा भार एक ही मशीन पर है। इस चक्कर में मरीजों को प्राइवेट लैब में टेस्ट कराना पड़ रहा है।
हॉस्पिटल में पैथोलॉजी टेस्ट को एक प्लेटफार्म पर लाने के लिए रिम्स प्रबंधन ने सेंट्रल लैब बनाया। मशीन लगाने वाली एजेंसी ने पांच करोड़ की मशीनें रिम्स प्रबंधन को गिफ्ट की।
वहीं टेस्टिंग का काम भी उसी एजेंसी को दिया गया। आज स्थिति यह हो गई कि इतने बड़े लैब में टेस्टिंग ही बंद हो गई, जहां पर एक दिन में 10 हजार सैंपल टेस्ट करने की क्षमता है।
इस संबंध में पीआरओ सह सर्जन डॉ. डीके सिन्हा ने कहा कि कुछ मशीनों के भुगतान की समस्या है। केमिकल के बारे में उन्होंने कुछ बताने से इनकार किया और कहा कि सम्बंधित विभाग के लोग बेहतर बता सकते हैं। मशीनें बंद होने के बारे में पता किया जाएगा।