रांची: वेतनमान और समायोजन की मांग को लेकर टेट पास पारा शिक्षक (TET Pass Para Teacher) संघ, झारखण्ड प्रदेश की ओर से रांची में शुक्रवार को आयोजित न्याय मार्च कार्यक्रम के दौरान ‘एक मांग वेतनमान’ के नारे को बुलंद किया गया।
इस विरोध-प्रदर्शन कार्यक्रम (Protest Program) में राज्य भर के सभी जिलों से राजधानी रांची में जुटे तकरीबन 12 हजार टेट पास पारा शिक्षक पुराना विधानसभा मैदान में जुटे थे।
इन शिक्षकों ने तिरंगे झंडे के साथ जुलूस की शक्ल में डोरंडा स्थित शिक्षा मंत्री Jagarnath Mahato के आवास तक पदयात्रा कर मंत्री से न्याय की गुहार लगाई।
राज्य सरकार पर चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया
कार्यक्रम के दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष Pramod kumar ने कहा कि हेमंत सरकार ने चुनाव पूर्व अपने घोषणा पत्र एवं हर चुनावी सभा में सरकार गठन के तीन माह के भीतर पारा शिक्षकों को वेतनमान देते हुए उन्हें समायोजित करने का वादा किया था, किंतु यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि आज़ सरकार गठन के तीन साल बीतने को है, किंतु सरकार ने अपना वादा अबतक पूरा नहीं किया है।
बीते वर्ष TET पास शिक्षकों के साथ वार्ता के क्रम में राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने भी सरकार को लिखित राय (Written Opinion) सौंपी थी कि टेट पास पारा शिक्षकों को वेतनमान देते हुए समायोजित किया जा सकता है और इसमें कोई भी विधिक अड़चन नहीं है।
इसके अलावा टेट पास पारा शिक्षक NCTE और NEP के तमाम मापदंडों को पूर्ण करते हुए सरकारी शिक्षक बनने की योग्यता रखते हैं।
मगर राज्य सरकार (State Government) ने इन तमाम तथ्यों को दरकिनार करते हुए नाटकीय अंदाज में वेतनमान के समर्थन में बनी नियमावली को गौण करते हुए विगत वर्ष दिसंबर माह में उनके मानदेय में मामूली बढ़ोतरी करते हुए उन्हें एक दोयम दर्जे की नियमावली थमा दी।
इससे टेट पास पारा शिक्षक (Tet Pass Para Teacher) असंतुष्ट थे, हालांकि मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने उस समय आश्वस्त किया था कि एक माह के भीतर TET पास पारा शिक्षकों के साथ वेतनमान के लिए वार्ता की जाएगी, मगर यह आश्वासन भी कोरा वादा ही साबित हुआ।
सरकार के रवैये से आक्रोशित हैं टेट पास पारा शिक्षक : मोहन मंडल
इस मौके पर संघ के प्रदेश महासचिव मोहन मंडल ने कहा कि बीस साल के अनुभव के साथ ही सभी अहर्ता रखने के बावजूद जिस प्रकार से सरकार समायोजन (Government Adjustment) के अपने वादे से आंखें चुरा रही है, निश्चित रूप से सरकार के इस रवैये से टेट पास पारा शिक्षक आक्रोशित हैं।
मजबूरीवश अब हमने अधिकार की प्राप्ति के लिए महासंग्राम (Battlefield) छेड़ दिया है और अब यह महासंग्राम समायोजन के पहले किसी भी हाल में नहीं रूकेगा।
एक हफ्ते में सरकार ने नहीं की पहल तो करेंगे उग्र आंदोलन : कुणाल दास
संघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुणाल दास (Media in-charge Kunal Das) ने कहा कि एक तो हमें वेतनमान के अधिकार से वंचित रखा गया है, ऊपर से सरकार सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली की सहमति देकर हमें सीधे टकराव की चुनौती दे रही है। हम वेतनमान मिलने तक कोई भी नियुक्ति हरगिज़ नहीं होने देंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को वेतनमान का वादा याद दिलाने के लिए यह न्याय मार्च एक सांकेतिक शांतिपूर्ण शक्ति प्रदर्शन था।
यदि अगले एक हफ्ते के भीतर सरकार वेतनमान और समायोजन (Pay Scale and Adjustments) के विषय पर आधिकारिक पहल नहीं करती है तो आगे मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया जाएगा और इस बार प्रदर्शन उग्र होगा।
शिक्षा मंत्री के सचिव ने दिया एक हफ्ते में वार्ता के प्रबंध का आश्वासन
चूंकि शुक्रवार को शिक्षा मंत्री अपने आवास पर मौजूद नहीं थे तो उनके निर्देश पर उनके निजी सचिव ने पारा शिक्षकों के प्रतिनिधियों से वार्ता की। इस दौरान प्रदेश महासचिव मोहन मंडल, वार्ताकार कमिटी सदस्य सुनील कुमार यादव, झरीलाल महतो, सीमांत घोषाल, मीना कुमारी, संजय मेहता, डोमन महतो, रविशंकर ठाकुर मिथिलेश उपाध्याय आदि उपस्थित थे।
वार्ता के उपरांत शिक्षा मंत्री (Minister of Education) के सचिव ने आश्वस्त किया कि एक हफ्ते के भीतर वे समायोजन के मुद्दे पर अधिकारियों की उपस्थिति में आधिकारिक वार्ता आयोजित कराने का प्रबंध कराएंगे।
इस पर टेट पास पारा शिक्षक प्रतिनिधियों ने सख्त लहजे में कहा कि एक हफ्ते के भीतर अगर वार्ता आयोजित नहीं की गई तो और भी उग्र स्तर का आंदोलन इसी रांची की सरजमीं (Ranchi’s land) पर आयोजित किया जाएगा।
संघ के महासचिव मोहन मंडल (General Secretary Mohan Mandal) ने कहा कि वार्ता आयोजित नहीं होने की स्थिति में हम दुर्गा पूजा भी नहीं मनाएंगे और दोबारा रांची आकर उग्र प्रदर्शन करने को विवश होंगे, जिसकी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी।