भोपाल: मध्य प्रदेश में पकड़े गए अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्कर मनीवन्नम मुरुगेशन के प्रत्यर्पण के लिए थाईलैंड पुलिस ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को प्रस्ताव भेजा है।
उप वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) रजनीश कुमार सिंह ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय वन्य-प्राणी तस्करी के नेटवर्क को ध्वस्त करने में मुरुगेशन की गिरफ्तारी काफी महत्वपूर्ण है।
मुरुगेशन को 27 अगस्त, 2012 को तकरीबन 900 दुर्लभ प्रजाति के कछुओं के साथ बैंकाक एयरपोर्ट पर पकड़ा गया था। पर तब वह गैर-कानूनी तरीके से छूटने में कामयाब हो गया था।
उसके बाद उसे चेन्नई मंे पकड़ा गया और तभी से वह सागर जेल में है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर इस प्रकरण की सुनवाई सागर के न्यायालय में रोजाना हो रही है।
सिंह के अनुसार म.प्र. एसटीएफ (वन्य-प्राणी) भारत सरकार के विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय एवं राज्य सरकार के निर्देश और विधि-संगत प्रक्रिया का पालन कर इसे थाईलैंड पुलिस को प्रत्यर्पण पर सौंपेने की कार्यवाही की जायेगी।
बता दें कि प्रदेश के वन विभाग की एसटीएफ टीम ने मुरुगेशन को 30 जनवरी, 2018 को चेन्नई से गिरफ्तार कर सागर में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
तभी से वह सागर जेल में बंद है। उच्च न्यायालय, जबलपुर द्वारा चार बार और सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दो बार उसकी जमानत याचिका खारिज की जा चुकी है।
इंटरपोल, अन्य देशों की कानून प्रवर्तन संस्थाओं और भारत के वाइल्ड लाइफ क्राइम कंट्रोल ब्यूरो, अन्य राज्यों की पुलिस सहित वन विभाग को लम्बे समय से इसकी तलाश थी।
दुर्लभ प्रजाति के कछुए की तरस्करी में मुरुगेशन का नाम विश्व में तीसरे नंबर पर था। सिंगापुर के रहवासी मुरुगेशन का अवैध व्यापार सिंगापुर सहित थाईलैंड, मलेशिया, मकाऊ, हांगकांग, चीन और मेडागास्कर में फैला है।