बेंगलुरु: कर्नाटक चुनाव (Karnataka Election) में कांग्रेस की आंधी में BJP और JDS ऐसी उड़ी जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी। राज्य में पार्टी को बंपर जीत हुई है। 224 सीटों में कांग्रेस 124 सीटों पर जीत हासिल की है और 12 सीटों पर आगे चल रही है।
रुझानों के मुताबिक अगर ऐसा ही रहा तो कांग्रेस 136 सीटों विजयी हो जायेगी। वहीं BJP की राज्य में करारी हार हुई है। भाजपा को 61 सीटे जीती हैं जबकि 4 सीटों पर आगे चल रही है। BJP के लिए दक्षिण का यह प्रदेश हाथ से निकल गया है।
कांग्रेस की इस बड़ी जीत में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (Siddaramaiah and DK Shivakumar) के अलावा पर्दे के पीछे से कई चेहरे सक्रिय रहे। जिनके मेहनत और विजन से कांग्रेस ने कनार्टक में बाजी पलट दी है।
उन चाणक्य के बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं जिन्होंने ऐसा चक्रव्यूह रचा जिसमें BJP और JDS फंस गये।आइये जानते हैं उन चार चाणक्य के बारे में जिन्होंने कांग्रेस की जीत में अहम भूमिका निभाई।
एमबी पाटिल
एमबी पाटिल को कर्नाटक कांग्रेस के लिंगायत चेहरों में गिना जाता है। कांग्रेस की धारदार चुनावी रणनीति के पीछे एमबी पाटिल की भूमिका मानी जाती है। कांग्रेस की कैंपेन कमेटी के एमबी पाटिल चेयरमैन हैं।
कांग्रेस ने इस बार स्थानीय मुद्दों के साथ ही डोर-टू-डोर कैंपेन पर ज्यादा जोर दिया। इसके पीछे भी पाटिल का दिमाग माना जाता है। यही वजह है कि चार साल बाद सोनिया गांधी ने कोई चुनावी रैली की।
पांच बार के विधायक और कुमारस्वामी सरकार में गृहमंत्री रहे MB Patil को मिशन शेट्टार भी सौंपा गया था। जगदीश शेट्टार को कांग्रेस में लाने के पीछे उनका योगदान माना जाता है। सिद्धारमैया के करीबी कहे जाने वाले एमबी पाटिल के पिता बीएम पाटिल भी बड़े राजनेता थे।
शशिकांत सेंथिल
2009 कर्नाटक कैडर के IAS सेंथिल कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस वॉररूम (Congress Warroom) के प्रभारी की भूमिका में रहे हैं। 2019 में उन्होंने आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दिया और 2020 में कांग्रेस में शामिल हो गए।
जुलाई 2022 में ही उन्हें War Room की जिम्मेदारी दी गई। Warroom से चुनाव के दौरान एक-एक सीट का आकलन किया गया और बड़े नेताओं को रिपोर्ट भेजी गई। फैक्ट चेक के साथ ही BJP नेताओं के बयानों पर पलटवार के लिए Warroom में सेंथिल के नेतृत्व में एक पूरी टीम काम कर रही थी।
सेंथिल मूल रूप से तमिलनाडु के रहने वाले हैं। कांग्रेस का दामन थामने पर उन्होंने कहा था कि BJP कर्नाटक में हिंदुत्व के नाम पर विभाजनकारी राजनीति कर रही थी, इसलिए उन्होंने आईएएस की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया।
सुनील कानुगोलू
सुनील कानुगोलू डेटा एनालिसिस (Sunil Kanugolu Data Analysis) का एक्सपर्ट हैं। 2022 से ही कानुगोलू कर्नाटक कांग्रेस के रणनीतिकारों में से हैं। कैंपेन, सर्वे और उम्मीदवारों के सेलेक्शन में कानुगोलू ने रणनीति तैयार की।
कर्नाटक के बेल्लारी के रहने वाले कानुगोलू ने अमेरिका से MBA की पढ़ाई की है। 2009 में वह भारत लौटे थे। प्रशांत किशोर की टीम (सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेस) से भी वह जुड़े।
2014 के लोकसभा चुनाव से पहले वह नरेंद्र मोदी के अभियान से जुड़ी टीम में शामिल थे। 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की रणनीति बनाने में भी कानुगोलू का योगदान (Contribution of Kanugolu) रहा। 2022 में अकाली दल के लिए भी वह काम कर चुके हैं। वहीं कर्नाटक के लिए जब प्रशांत किशोर से बात नहीं बनी तो कांग्रेस ने कानुगोलू से संपर्क किया।
राज्य में 40 प्रतिशत वाली सरकार, पे- सीएम और रेट कार्ड जैसी मुहिम के पीछे कानुगोलू का दिमाग माना जाता है। घोषणा पत्र में भी उनसे मदद ली गई। कांग्रेस ने उन्हें मध्य प्रदेश का भी प्रभार सौंपा है। इसके साथ ही लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने वाली कांग्रेस की 2024 टास्क फोर्स के भी वह सदस्य हैं।
जी परमेश्वर
कर्नाटक में कांग्रेस का घोषणा पत्र (Congress Manifesto) बनाने वालों की टीम में जी परमेश्वर अहम चेहरे के रूप में शामिल हैं। इस मेनिफेस्टो (Manifesto) की पांच गारंटियां काफी चर्चा में रहीं। हालांकि, PFI के साथ बजरंग दल पर बैन का जिक्र कर इस घोषणा पत्र से कांग्रेस को थोड़ी मुश्किल भी हुई।
लेकिन 62 पन्नों के इस घोषणा पत्र की बाकी बातें कांग्रेस के पक्ष में गईं। गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृह लक्ष्मी स्कीम में परिवार की महिला मुखिया को 2,000 रुपए प्रति माह की गारंटी दी गई।
इसके अलावा अन्न भाग्य के जरिए गरीबी रेखा से नीचे (BPL) परिवार के हर सदस्य को 10 किलो चावल प्रति माह की गारंटी दी गई। वहीं युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रैजुएट (Unemployed Graduate) को 3,000 रुपए मासिक की गारंटी दी।
साथ ही डिप्लोमा धारकों को दो साल के लिए 1,500 रुपए प्रति माह की गारंटी शामिल की गई। परमेश्वर के नेतृत्व में उनकी टीम ने कर्नाटक के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए घोषणा पत्र बनाया।
1989 में पहली बार M.L.A बनने वाले परमेश्वर लाइमलाइट (Parmeshwar Limelight) से दूर रहते हैं। 2018 में जब कांग्रेस और जेडीएस (Congress and JDS) की गठबंधन सरकार बनी तो कुमारस्वामी CM और परमेश्वर डेप्युटी CM बने। 1999 में उच्च शिक्षा मंत्री और 2015 में सिद्धारमैया सरकार में वह गृहमंत्री भी बने थे।