नई दिल्ली: केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने शुक्रवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से अगले दौर की वार्ता की, लेकिन इस बार भी बातचीत बेनतीजा रही।
सरकार और किसान अगली वार्ता 15 जनवरी को फिर से करने पर सहमत हो गए हैं।
दोनों पक्षों के बीच बातचीत कृषि कानूनों को लेकर ही हुई। कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को देशव्यापी समग्रता की ²ष्टि से एवं देश के किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है।
सरकार को किसानों की पूरी चिंता है और सरकार चाहती है कि आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो, परन्तु सरकार के सुझाव के अनुसार विकल्पों पर अभी तक प्रावधानिक चर्चा न होने के कारण उचित निर्णय तथा समाधान नहीं हो पाया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा कर समाधान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है।
यदि विकल्पों के आधार पर चर्चा होगी तो सरकार तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
सरकार द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों पर बिन्दुवार चर्चा करने का अनुरोध किया गया, जिस पर किसान संगठनों ने अपनी असहमति जताई और कानून को रद्दद करने की मांग की।
इस पर कृषि मंत्री ने अनुरोध किया कि संबंधित प्रावधान या बिन्दु, जिन पर किसान संगठन असहमत हों या उन्हें कोई आपत्ति हो तो उसे सरकार के संज्ञान में लाया जा सकता है, तब उन पर यथोचित विचार करके संशोधन किया जा सकता है।
लगातार लंबी चर्चा करने के बावजूद कोई विकल्प नहीं निकल पाया. इसके बाद सरकार व किसान संगठनों ने 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे अगली बैठक में आगे की चर्चा करने पर अपनी सहमति दी।