रांची: नई दिल्ली से रांची आ रही 02454 नई दिल्ली रांची राजधानी एक्सप्रेस में रविवार सुबह लक्ष्मी के रूप में एक बच्ची का जन्म हुआ, जिसके रोने की आवाज सुनते ही पैसेंजर्स की तालियों की गड़गड़ाहट से पूरी बोगी गूंज उठी।
सभी के चेहरों पर मुस्कान बिखर गई। जी हां, भारी बारिश के बीच ‘थ्री इडियट’ फिल्म में महिला को प्रसव कराने का दृश्य तो कई लोगों ने देखा होगा।
लेकिन राजधानी एक्सप्रेस के बी 11 कोच बर्थ नम्बर 9 में इसका रियल सीन रविवार को बरकाकाना जंक्शन में देखने को मिला। जहां रेलवे डॉक्टर दीप्ति झा की टीम ने गर्भवती महिला मीना देवी का सुरक्षित प्रसव कराया।
इसके बाद 108 एम्बुलेंस से रेलवे अस्पताल बरकाकाना में प्राथमिक उपचार के बाद सदर अस्पताल रामगढ़ रेफर कर दिया गया।
डॉक्टर की मानें तो नॉर्मल डिलीवरी हुई। बच्ची प्रीमैच्योर है। लेकिन जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।
टोरी स्टेशन के बाद हुई प्रसव पीड़ा
महिला के पति अजय उरांव ने बताया कि वे धर्मपुर शिमला मजदूरी करने गए थे। वहां से अपना पैतृक गांव विशनपुर, जिला गुमला अपनी पत्नी व बच्चे के साथ लौट रहे थे।
तभी टोरी स्टेशन से ट्रेन गुजरने के बाद उनकी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई।
प्रसव पीड़ा की बात पास ही बर्थ में बैठे पति व महिला सह यात्री को बताई। करीब 40 मिनट बाद ट्रेन बरकाकाना जंक्शन पहुंच गई। इसकी सूचना स्टेशन प्रबंधक को दी गई।
तत्काल रेलवे अस्पताल को सूचना देकर मौके पर पहुंचने को कहा गया।
तेजी से कार्रवाई करते हुए मौके पर महिला रोग विशेषज्ञ डॉ दीप्ति झा अपनी टीम के साथ पहुंची।
इसके बाद सुरक्षित डिलीवरी कराई गई। उनके टीम में एसएम पीके गांगुली, टीआई विवेक कुमार, नर्स मुन्नी केरकेट्टा, टूकन आदि ने सराहनीय योगदान दिया।
नन्हीं परी के स्वागत में डेढ़ घंटे खड़ी रही ‘राजधानी’
बरकाकाना जंक्शन में नई दिल्ली-रांची राजधानी एक्सप्रेस का स्टॉपेज मात्र 5 मिनट है। लेकिन नन्हीं परी के स्वागत में ट्रेन लगभग एक घंटा 35 मिनट खड़ी रही।
यह ट्रेन बरकाकाना सुबह 7:15 में पहुंची थी। जबकि 8:50 बजे रांची के लिए प्रस्थान की।
ऐसे कराई गई नॉर्मल डिलीवरी
मेडिकल टीम के देखरेख में चलती ट्रेन में ही बेडशीट का घेरा बनाया गया। प्रसव कराने की प्रक्रिया शुरू की गई और इसमें आशातीत सफलता भी मिली। नवजात के रूप में एक नन्हीं परी दुनियां में आई।
रेलकर्मी, पैंट्री कार स्टाफ, कूली सभी ने की हेल्प
ट्रेन में महिला के प्रसव कराने की सूचना क्षेत्र में आग की तरह फैल गई। देखते देखते ट्रेन में सफर कर रहे सहयात्री, रेलकर्मी, पैंट्री कार स्टाफ, टीटीइ, स्टेशन मैनेजर और निबंधित कुली मौके पर पहुंच गए।
इसके बाद सबों ने महिला के डिलीवरी और एम्बुलेंस तक सुरक्षित ले जाने में हर संभव मदद किया।