रांची: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामेश्वर उरांव, विधायक दल के नेता आलमगीर आलम और कृषि मंत्री बादल पत्रलेख के नेतृत्व में तीन महीने से चल रहे किसानों के आंदोलन के समर्थन में आंदोलन किया जा रहा है।
20 फरवरी को होने वाले राज्य स्तरीय किसान ट्रैक्टर रैली को सफल बनाने के लिए बुधवार को कांग्रेस नेताओं ने हजारीबाग के बन्हा, पेलावल, कटकमसांडी, इचाक आदि स्थानों का दौरा किया।
विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन ने देश को नई राह दिखाई है।
अब तक इस आंदोलन में 200 से अधिक किसान अपनी शहादत हो चुकी हैं। केंद्र सरकार के कृषि मंत्री भी मान चुके हैं कि इस कानून में कई त्रुटियां हैं।
यहां तक कि मोदी सरकार के मंत्री इस कानून के विरोध में इस्तीफा भी दे चुके हैं।
बावजूद इसके घमंडी मोदी सरकार अपने पूंजीपति दोस्तों के इशारे पर अपने अन्नदाता भाइयों के सामने झुकने को तैयार नहीं है।
इस कानून की वजह से देश के किसानों में उत्साह की कमी आ गई है, जिस वजह से आने वाले कुछ ही सालों में अपने देश में खाने-पीने की वस्तुओं के दामों में भारी बढोतरी होने की नौबत आ खड़ी होगी।
अपना देश कृषि प्रधान देश रहे, इसके लिए आप सभी से अपील है कि 20 फरवरी की किसान ट्रैक्टर रैली को कामयाब बनायें, जिससे यह काला कानून वापस हो सके।
बादल पत्रलेख ने कहा कि हम सब आपसभी को आमंत्रण देने के लिए आए हैं।
पूरी देश की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है किसानों की जान जा रही है। मोदी सरकार लोकतंत्र की खुबसूरती को समाप्त करने पर तुली है।
ईस्ट इंडिया कंपनी के जगह अंबानी- अडानी को स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। हमारे देश के लोग जानते हैं कि अत्याचार करना और अत्याचार सहना दोनों पाप है।
प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि गांधीवादी तरीके से किसानों के आंदोलन पर जो अत्याचार हो रहा है, उससे देश की जनता में काफी आक्रोश है।