मुंबई: RBI गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा है कि महंगाई का खराब दौर पीछे छूट चुका है, लेकिन अभी इस मोर्चे पर ढिलाई बरतने की कोई गुंजाइश नहीं है।
दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति (Bi-Monthly Monetary Policy) समीक्षा पेश करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘वृद्धि के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए, तो इस ‘निराशावादी’ दुनिया में भारत (India) उम्मीद की किरण के रूप मे दिखाई दे रहा है। दुनिया के कई देशों में मंदी (Recession) की भी आशंका है।’’
इससे पहले दिन में रिजर्व बैंक (Reserve Bank) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो को 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 करने की घोषणा की। इस तरह मई, 2022 से रिजर्व बैंक रेपो दर (Repo Rate) में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी
ऊंची मुद्रास्फीति (High Inflation) की वजह से रिजर्व बैंक ब्याज दरों (Interest Rates) में बढ़ोतरी कर रहा है। खुदरा मुद्रास्फीति पिछले कुछ महीनों से लगातार रिजर्व बैंक (Reserve Bank) के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है।
दास ने कहा कि जिंस कीमतों और कच्चे तेल के दामों में कमी से वैश्विक स्तर पर महंगाई कम हो रही है, लेकिन मुद्रास्फीति (Inflation) के मोर्चे पर सकारात्मक खबरों के बावजूद अभी हम ढिलाई नहीं बरत सकते।
रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर (Deputy Governor) माइकल पात्रा ने कहा कि केंद्रीय बैंक का प्रयास पहले मुद्रास्फीति को छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से नीचे लाना है। रेपो दर में 0.50 प्रतिशत के बजाय 0.35 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इसे केंद्रीय बैंक की ओर से संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए।
पात्रा ने कहा, ‘‘ब्याज दरों में 0.50 प्रतिशत वृद्धि का दौर बीत चुका है।’’