हिंदपीढ़ी के साढ़े तीन साल के मासूम की तलाश खत्म, तालाब में मिला शव

बच्चा शुक्रवार, 28 मार्च 2025 से लापता था, जिसके बाद उसके परिजनों ने हिंदपीढ़ी थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। शव मिलने की सूचना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई, और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई

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Child  Dead Body : राजधानी रांची के हिंदपीढ़ी थाना (Hindpiri Police Station) क्षेत्र में स्थित छोटा तालाब से साढ़े तीन साल के एक मासूम बच्चे का शव शनिवार को बरामद किया गया।

बच्चा शुक्रवार, 28 मार्च 2025 से लापता था, जिसके बाद उसके परिजनों ने हिंदपीढ़ी थाना में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था। शव (Dead Body) मिलने की सूचना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई, और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई।

परिजनों ने दर्ज कराई थी गुमशुदगी की शिकायत

परिजनों के अनुसार, बच्चा हर दिन की तरह शुक्रवार को घर के बाहर खेलने के लिए निकला था, लेकिन वह वापस नहीं लौटा। इसके बाद परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की और CCTV फुटेज भी खंगाले, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला।

आखिरकार, उन्होंने हिंदपीढ़ी थाना में बच्चे के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शनिवार दोपहर को छोटा तालाब से बच्चे का शव बरामद होने की खबर ने सभी को झकझोर कर रख दिया। बच्चे का नाम जिकरुलला अंसारी है, उम्र 3.5 वर्ष, पिता जियाउल अंसारी, पता छोटा तालाब, निज़ामनागर हिंडपीढ़ी के रहने वाले हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

घटना की सूचना मिलते ही हिंदपीढ़ी थाना पुलिस मौके पर पहुंची और बच्चे के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए RIMS (रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) भेज दिया। पुलिस ने मामले की तफ्तीश शुरू कर दी है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि बच्चे की मौत कैसे हुई।

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प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि बच्चा तालाब में डूब गया या किसी अन्य कारण से उसकी मौत हुई। पुलिस सभी पहलुओं से जांच कर रही है, जिसमें हत्या की आशंका को भी शामिल किया गया है।

रांची में पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं

रांची में इस तरह की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में बड़ा तालाब के किनारे एक नौ साल के बच्चे का शव बरामद हुआ था, जिसकी मां ने पहले आत्महत्या (Suicide) कर ली थी।

इसी तरह, 2024 में कडरू तालाब में एक 14 साल के बच्चे की डूबने से मौत हो गई थी, जिसके बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इन घटनाओं से यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन ने ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, या यह लापरवाही अब भी जारी है।

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