रामगढ़: सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के शव को उठाने के लिए पुलिस को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराए जाने के मामले को सिविल सर्जन और मांडू बीडीओ ने गंभीरता से लिया है।
इसके लिए दोनों अधिकारियों ने सीएचसी मांडू के प्रभारी चिकित्सक डाॅ. अशोक राम को अलग-अलग स्पष्टीकरण किया है।
अधिकारियों ने कहा है कि मंगलवार की देर रात सड़क दुर्घटना में मृत व्यक्ति के शव को चिकित्सालय/थाना में पहुंचाने के लिए आपके पास वाहन होते हुए भी पुलिस को नहीं मुहैया कराया गया।
फलस्वरूप स्ट्रेचर में शव को रखकर पुलिस वाहन से टोचन कर थाना लाया गया।
यह स्थिति अत्यंत ही दुखद व अमानवीय है। बीडीओ ने दो दिनों के अंदर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है कि आखिर किस कारण ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई। साथ ही इसके लिए कौन-कौन दोषी हैं।
प्रभारी चिकित्सक ने मांगी माफी
सिविल सर्जन को भेजे गए जवाब में सीएचसी मांडू के प्रभारी चिकित्सक डाॅ. अशोक राम ने कहा है कि मांडू थाना प्रभारी द्वारा समय पर सूचना नहीं दिए जाने के कारण पुलिस को शव वाहन उपलब्ध नहीं कराया जा सका।
इसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूं। उन्होंने कहा है कि भविष्य में इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी।
क्या कहते हैं एसपी
मामले में रामगढ़ एसपी ने कहा कि शव काे स्ट्रेचर पर बांध कर ले जाना गलत है। हालांकि परिस्थितियाें काे पुलिस ने अच्छे से संभाला। फिर भी अगर ऐसी स्थिति दुबारा आती है ताे उन्हें मुझसे सीधे संपर्क कर बात करनी चाहिए।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को कराे बर्खास्त: भाकपा माले
इधर, भाकपा माले की एक बैठक गुरुवार को गिद्दी हेसालौंग स्थित पार्टी कार्यालय में हुई।
इसमें मांडू फोर लेन सड़क दुर्घटना में मारे गए गिद्दी निवासी रामेश्वर राम के निधन पर शोक जताया गया।
वहीं दुर्घटना के बाद एंबुलेंस नहीं देने के कारण मांडू पुलिस द्वारा शव को ट्राॅली-स्ट्रेचर लाद कर जीप के पीछे बांधकर आधा किमी दूर थाना ले जाने की निंदा की गई।
भाकपा माले के हजारीबाग जिला सचिव पच्चु राणा ने कहा कि प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को बर्खास्त होना चाहिए।