Guidelines Issued to Veterinarians : केंद्र सरकार ने भारत में पहली बार पशु चिकित्सकों (Veterinarians) के लिए समग्र इलाज दिशानिर्देश जारी किए हैं।
इस दिशा-निर्देश का मुख्य उद्देश्य पशुओं और कुक्कुट में एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) के उपयोग को न्यूनतम करना है, ताकि एंटीबायोटिक्स के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित होने से रोका जा सके।
इस पहल को मत्स्यपालन, पशुपालन और डेरी मंत्रालय ने तैयार किया है और इसे मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश (SVTG) का नाम दिया गया है।
80 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा किया गया है तैयार
इस दिशानिर्देश में 12 प्रमुख पशुओं के 270 से अधिक रोगों को शामिल किया गया है। इसमें उल्लेख किया गया है कि चिकित्सकों को केवल एलोपैथिक इलाज (Allopathic treatment) पर निर्भर रहने के बजाय वैकल्पिक दवाओं, जैसे आयुर्वेद, का भी उपयोग करना चाहिए।
इससे न केवल रोगों का उपचार बेहतर होगा, बल्कि यह एंटीबायोटिक्स के उपयोग को भी नियंत्रित करेगा। दिशानिर्देश में कहा गया है कि जहां मानक उपचार उपलब्ध नहीं है, वहां लक्षण आधारित उपचार किया जाए। इसमें एंटीबायोटिक्स का उपयोग न करने या इसे कम से कम रखने का सुझाव दिया गया है।
प्रयोगशाला में पुष्टि होने के बाद ही पशुओं के इलाज के लिए मानक पशु चिकित्सा उपचार दिशानिर्देश का पालन किया जाएगा।
इस दिशा-निर्देश को 80 से अधिक विशेषज्ञों द्वारा तैयार किया गया है, जिनका उद्देश्य पशु चिकित्सकों को औपचारिक रोग पहचान से पहले उपचार के बारे में जागरूक करना है।
ये दिशानिर्देश एक जीवंत दस्तावेज के रूप में डिज़ाइन किए गए हैं, जिन्हें समय-समय पर नई अंतर्दृष्टि और इलाज के तरीकों के अनुसार अद्यतन किया जाएगा।
चिकित्सकों का निर्णय अंतिम होगा
हालांकि, यह दिशानिर्देश सलाह के रूप में हैं और इन पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है। चिकित्सकों का निर्णय ही अंतिम होगा।
केंद्रीय पशुपालन आयुक्त अभिजीत मित्रा (Abhijeet Mitra) ने कहा, इस पहल के जरिए हम अतार्किक इलाज के तरीकों को रोकना चाहते हैं।
उनका कहना है कि यह वैश्विक स्तर पर एंटीबायोटिक्स (Antibiotics) के प्रति बढ़ती प्रतिरोधकता की चिंता को हल करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में यह नई पहल न केवल पशु स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी, बल्कि एंटीबायोटिक दवाओं के विवेकपूर्ण उपयोग को भी सुनिश्चित करेगी, जिससे पशुओं के इलाज में सुधार होगा और मानव स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।