नई दिल्ली: Cyclone Biporjoy अब भारी तबाही मचाने वाला है। इसलिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है।
केन्द्र सरकार (Central Government) ने भी स्थानीय प्रशासन के साथ तटीय इलाकों में होने वाले प्रभावों के मद्देनजर सारी तैयारियां कर ली हैं।
इधर भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological Department) ने Cyclone Biporjoy से बचने के लिए लोगों को समय पर सुरक्षित रहने या किसी अन्य स्थान पर जाने की चेतावनी दी है।
कहा है कि पिछले कुछ हफ्तों से चक्रवातों के बारे में लगातार जानकारी मिल रही है।
गुजरात सरकार और केंद्र के अधिकारियों का कहना
मई के महीने में देश में मोचा चक्रवात आया था और अब भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने Biporjoy चक्रवात को लेकर चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के मुताबिक, इसके 14 से 15 जून तक गुजरात के तट तक टकराने और भारी तबाही मचाने की संभावना है।
इसके लिए गुजरात सरकार (Government of Gujarat) और केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
रविवार रात से कच्च के तटीय इलाकों में रह रहे लोगों को विस्थापित किया जा रहा है।
हालात काबू में हैं और प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
चक्रवात तूफान बिपरजॉय अति गंभीर रूप ले चुका
IMD ने कुछ दिन पूर्व चेतावनी दी थी कि चक्रवात तूफान बिपरजॉय अति गंभीर रूप ले चुका है।
चक्रवात के 6 जून को अरब सागर से उठने के बाद शुरुआत के 6 दिन यह कराची शहर की तरफ बढ़ रहा था लेकिन, इसके बीच में ही रास्ता बदल दिया और गुजरात की तरफ बढ़ गया।
IMD द्वरा 12 जून को दी गई जानकारी के मुताबिक, दोपहर 12 बजे तक यह गुजरात के पोरबंदर से तकरीबन 320 किलोमीटर दूर था।
मौसम विभाग का कहना है कि यह 14 जून से 15 जून के बीच गुजरात के तटीय इलाकों में टकरा सकता है।
इसकी रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा
इस दौरान इसकी रफ्तार 150 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। फिलहाल यह 8 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि 16 जून के बाद इस चक्रवात के धीमा पड़ने की संभावना है।
गुजरात से टकराने के दो दिन बाद यह बेअसर हो जाएगा। मौसम विभाग ने इस चक्रवात तूफान के 10 दिन तक सक्रिय रहने की संभावना जताई है।
इस तरह से 16 जून तक यह बेअसर हो जाएगा। गुजरात से लेकर केंद्र सरकार तक हालात पर लगातार नजर बनाए हुए है।
गुजरात के कई इलाकों खासकर कच्छ और उससे सटे शहरों में तबाही मचाने की संभावना है।
IMD के वैज्ञानिकों का मानना है की
दरअसल, IMD के वैज्ञानिकों का मानना है कि चक्रवात समंदर में जितना सक्रिय रहता है, उसमें ऊर्जा और नमी जमा होने की उतना संभावना ज्यादा रहती है।
इससे तूफान और खतरनाक बन जाता है। क्योंकि IMD बता चुका है कि बिपरजॉय तकरीबन 10 दिनों तक समंदर में बना रहेगा, इसलिए इसके बेहद खतरनाक होने की प्रबल संभावना है।
पूर्वानुमान है कि चक्रवात तूफान बिपरजॉय 14 से 15 जून के बीच कांडला पोर्ट से टकरा सकता है। इस अति गंभीर चक्रवात की चपेट में कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, मोबी, पोरबंदर, मोरबी, जूनागढ़ और राजकोट आ सकते हैं।
चक्रवात बिपरजॉय से निपटने के लिए गुजरात सरकार ने पूरी तैयारियां कर रखी हैं।
SDRF की 10 और NDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा नौसेना को अलर्ट पर रखा गया है।
उधर, प्रधानमंत्री मोदी भी हालात पर नजर बनाए हुए है। उन्होंने गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल से फोन पर बात भी की।