रांची: झारखंड के गोड्डा से भाजपा विधायक अमित मंडल ने कहा कि हेमन्त सरकार अपनी विफलता छिपाने के लिए कई तरह से प्रोपगेंडा चला रही है। कोरोना संकट के नाम पर राज्य सरकार अपनी विफलता छिपा रही है।
उपर से केंद्र सरकार पर सहयोग नहीं करने का रोना रोती रही है।
जबकि यूपी, बिहार औऱ अन्य राज्यों में खूब काम हुए हैं। वास्तव में हालत यह है कि राज्य में आर्थिक गतिविधियां सरकार की नादानी से बंद है। टैक्स वसूली के लिये कैसे मैकेनिज्म ठीक करें, इस पर कोई काम नहीं हुआ है।
वाणिज्य कर विभाग में ही मैनपावर की भारी कमी रही है। मंडल ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि
एक साल में प्लानिंग के तहत इसे मजबूत नहीं किया जा सका। राज्य सरकार खजाना खाली होने का रोना रोती रही है।
कोल ब्लॉक नीलामी मामले पर जानबूझकर केंद्र का विरोध किया। नौ ब्लॉकों की नीलामी यहां होती तो राज्य को बहुत राजस्व प्राप्त होता। लेकिन अवैध माइनिंग में लगे सरकार में बैठे लोग, अधिकारियों एवं माफियाओं के लाभ को देखते हुए इसमें पहल नहीं की।
राज्य सरकार ने 17000 करोड़ का लक्ष्य निर्धारित किया था। प्रतिमाह आमद में 1400 करोड़ का टारगेट था। लेकिन कामर्शियल टैक्स कलेक्शन बेहद खराब रहा है।
अक्टूबर 2020 तक मात्र 31 फीसदी ही कलेक्शन हुआ है। यह चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कामर्शियल टैक्स की वसूली पर ही राज्य के विकास का आधार तय होता है।
कलेक्शन का मैकेनिज्म अगर कोलैप्स कर जाये तो विकास कार्यों के लिये गंभीर संकट खड़ा हो जाता है।
इसके लिए राज्य सरकार को गंभीरता दिखाने की जरुरत है। रघुवर सरकार ने टैक्स कलेक्शन का मिसाल कायम किया था। रघुवर सरकार में वाणिज्य कर विभाग का कलेक्शन देशभर में सबसे अधिक रहा था।
वहीं हेमंत सरकार के आने के बाद 30 प्रतिशत का आंकड़ा भी मुश्किल से पार हो रहा है।
सत्ता में आने से पहले इस सरकार ने कई वायदे किये थे लेकिन जब निभाने की बारी आयी तो मुकरने लगे। यह गठबंधन सरकार ठगबंधन साबित हो रहा।
जब हेमन्त सोरेन सरकार सत्ता में आयी तो रघुवर सरकार के खिलाफ श्वेत पत्र लाकर नौटंकी किया। इसके बाद समस्याओं को ठीक करने पर क्या हुआ, बताने दिखाने की स्थिति में सरकार नहीं है।
यह सरकार अपनी फजीहत ही करायी। हालत यह है कि इस सरकार में अभी तक विकास कार्यों में मात्र 20 प्रतिशत राशि ही खर्च की जा सकी है।
आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ी हैं। आर्थिक सुधार के लिये कोई कदम नहीं उठाया जा रहा।
सिमरिया विधायक किशुन कुमार दास ने कहा कि हेमन्त सोरेन की सरकार में राज्य का खजाना भरने की बजाय सरकार में बैठे लोग, अधिकारी एवं माफियाओं अपने अपने व्यक्तिगत राजस्व की वसूली में लगे हुए है। चतरा में एशिया के सबसे बड़ा कोल माइंस है।
वहां खुले आम बहुत बड़े पैमाने पर अवैध खेला चल रहा है। संथाल परगना जे तालझाडी में स्टोन माइंस के खदानों में दिन दहाड़े अवैध माइनिंग चल रहीं है।
अधिकारियों एवं माफियाओं के साठ गांठ में प्रति ट्रक 1300 रुपया की अवैध कलेक्शन चल रहा है।
झामुमो की विधायक सीता सोरेन लगातार सरकार पर अवैध माइनिंग को लेकर ट्वीट करते रही है, लेकिन अवैध पैसे की कमाई में अपनी विधायक की बात को भी यह सरकार अनसुना कर रही है।