अयोध्या : राम मंदिर (Ram Mandir) के निर्माण का अगला चरण (Next Step) अब इसकी छत की बीम डालने के साथ शुरू हो गया है। करीब दो दर्जन से ज्यादा बीम पिलर्स (Beam Pillars) के ऊपर रखी जा चुकी है।
इसके पहले 166 पिलर्स 20 फीट ऊंचे खड़े हो चुके हैं। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट (Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust) के महासचिव चंपत राय ने बीम के सेट करने की फोटो रिलीज की। उन्होंने बताया कि मंदिर का निर्माण तेजी से किया जा रहा है।
सीढ़ियों के निर्माण के साथ लिफ्ट भी लगेगी
नृत्य मंडप और रंग मंडप (Nritya Mandap and Rang Mandap) का निर्माण भी पूरा हो रहा है। सिंह द्वार के दोनों तरफ सीढ़ियों के निर्माण के साथ लिफ्ट भी लगेगी।
मंदिर में बुजुर्गों और दिव्यांगों (Elderly and Disabled) को दर्शन करवाने के लिए भी सुलभ व्यवस्था की जा रही है।
कपाट स्वर्ण जड़ित होगा
श्रद्धालुओं के लिए परिक्रमा मार्ग का निर्माण मंदिर के परकोटा के क्षेत्र में किया जा रहा है। गर्भगृह के कपाट को स्वर्ण जड़ित किया जाएगा। प्रवेश द्वार की 32 सीढ़ियों का निर्माण हो चुका है।
गर्भगृह का परिक्रमा मार्ग का भी निर्माण हो चुका है, जिस पर केवल मंदिर के पुजारी ही परिक्रमा करेगें।मंदिर ट्रस्ट (Mandir Trust) के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के मुताबिक, मंदिर के सिंह द्वार से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश करेंगे, जो बन गया है।
मूर्तियों का निर्माण होगा शुरू
राम लला और अन्य 13 मूर्तियों का निर्माण भी अप्रैल में ही शुरू होना है। मूर्ति विशेषज्ञ नेपाल (Nepal), ओडिशा, कर्नाटक और राजस्थान (Rajasthan) से लाई गई शिलाओं से गर्भगृह में स्थापित की जाने वाली रामलला और अन्य देवी देवताओं के विग्रह को तराशेंगे।
दरवाजे और खिड़कियों का निर्माण कार्य तेज
चंपत राय ने कहा कि तकनीकी टीम (Technical Team) ने आश्वस्त किया है कि अक्टूबर तक ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा हो जाएगा। मंदिर के दरवाजे और खिड़कियों का निर्माण कार्य भी महाराष्ट्र (Maharashtra) में प्रगति पर है। टीक लकड़ी खरीदी गई है, जिसकी कटिंग कर मशीन से सुखाने के बाद इस पर नक्काशी का काम शुरू होगा।
जुलाई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य
राम मंदिर के भूतल पर जितनी बीम लगनी है, वे सब नक्काशी (Carving) करने के बाद मंदिर निर्माण स्थल पर लाई जा चुकी हैं। बीम का काम पूरा होने के बाद मंदिर के भूतल की छत का निर्माण शुरू हो जाएगा, जिसे जून जुलाई 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।