नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर कांग्रेस पार्टी केंद्र सरकार के प्रति हमलावर है। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को बयान जारी कर नरेन्द्र मोदी सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश दोराहे पर खड़ा है।
एक तरफ किसान परेशान होकर सड़क पर उतरे हैं, तो वहीं अब पेट्रोल-डीजल की मूल्य वृद्धि से लोगों को परेशान करने का काम किया जा रहा है।
उन्होंने मांग की है कि देशवासियों को राहत पहुंचाने का कदम सरकार उठाए। साथ ही सोनिया ने तीनों कृषि कानूनों को भी वापस लिए जाने का आग्रह किया है।
सोनिया गांधी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा, ‘‘आजाद भारत के इतिहास में पहली बार देश आज एक दोराहे पर खड़ा है।
एक ओर देश का अन्नदाता पिछले 44 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर अपनी जायज़ मांगों के समर्थन में डटा हुआ है।
वहीं देश की निरंकुश, संवेदनहीन और निष्ठुर भाजपा सरकार ग़रीब किसान व मध्यम वर्ग की कमर तोड़ने में जुटी है।’’
कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा कि कोरोना की चौतरफ़ा मार से ध्वस्त अर्थव्यवस्था के बीच मोदी सरकार अपना ख़ज़ाना भरने के लिए आपदा को अवसर बनाने में लगी है।
आज कच्चे तेल की क़ीमत 50.96 डॉलर प्रति बैरल है यानी मात्र 23.43 रुपये प्रति लीटर।
इसके बावजूद डीजल 74.38 रुपये और पेट्रोल 84.20 रुपये प्रति लीटर में बेचा जा रहा है। ये पिछले 73 साल में सबसे अधिक है।’
सोनिया गांधी ने आरोप लगते हुए कहा कि अंतराष्ट्रीय बाज़ार में क़ीमतें कम होने के बावजूद सरकार ने आम उपभोक्ता को इसका लाभ देने की बजाय उत्पाद शुल्क में बेतहाशा बढ़ोतरी करके मुनाफ़ा वसूली के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।
पिछले साढ़े छह सालों में मोदी सरकार ने उत्पाद शुल्क बढ़ा कर लगभग 19 लाख करोड़ आम जनता की जेब से वसूले हैं।
भाजपा सरकार पर हमला करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि गैस सिलेंडर के दामों को भी बेतहाशा बढ़ाकर हर घर का बजट बिगाड़ दिया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सरकार से मांग करती हूं कि वह पेट्रोल व डीज़ल पर उत्पाद शुल्क की दरें संप्रग सरकार के समान करे और त्रस्त जनता को तत्काल राहत प्रदान करे।’’