नई दिल्ली: नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में देश की अर्थव्यवस्था 10 प्रतिशत की दर से ग्रोथ करेगी।
उन्होंने कहा कि अगले साल के आखिर तक देश की अर्थव्यवस्था प्री-कोविड वाली स्थिति में पहुंच जाएगी।
बता दें साल 2020 पूरे विश्व के साथ भारत के लिए भी कई बड़ी परेशानियों को लेकर आया था।
जिसमें सबसे बड़ी परेशानी थी कोरोना महामारी। अप्रैल-जून की तिमाही में जीडीपी शून्य से 24 प्रतिशत नीचे पहुंच गई।
इन हालातों को देखकर उस समय कोई भी अर्थशास्त्री ये बताने को तैयार नहीं था कि देश की जीडीपी एक बार फिर कब तक बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगी।
लेकिन देश में अनलॉक और कोरोना की वृद्धि में गिरावट के साथ औद्योगिक गतिविधियों के बढ़ने के साथ ही अर्थशास्त्रियों ने अनुमान लगाना शुरू कर दिया है कि इस वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही और अगले वित्तवर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदर्शन कर सकती है।
अर्थशास्त्रियों के हिसाब से 2021 में भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है।
इस पीछे अर्थशास्त्रियों ने कई तर्क दिए है। उन्होंने कहा है कि बेशक लॉकडाउन के समय अप्रैल-जून में भारत की जीडीपी शून्य से 24 प्रतिशत नीचे आ गई हो, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद इसमें जबरदस्त तेजी देखने को मिली।
जो कि सरकार द्वारा नियमों में लाई गई ढ़िलाई की वजह से संभव हो सका।
जैसे कि सरकार ने ब्याज पर ब्याज माफी, इनकम टैक्स रिटर्न भरने की समय सीमा बढ़ाई और इसके साथ ही ईपीएफओ से पीएफ अमांउट निकालने की सुविधा दी।
भारत के साथ पूरी दुनिया में एक बार वैक्सीनेशन शुरू हो जाएगा। तब उसके बाद विश्व के साथ भारत में भी आर्थिक गतिविधियां तेज हो जाएगी।
जिसका सबसे बड़ा प्रमाण क्रूड ऑयल के बढ़ते हुए दाम है। वहीं उन्होंने कहा कि जीडीपी में जिन चीजों की सबसे ज्यादा मौजूदगी होती है उसमें से अभी पर्यटन, मनोरंजन, खान-पान और यात्रा जैसे सेक्टर में तेजी नहीं आई है।
लेकिन वैक्सीनेशन के बाद इन सेक्टर में तेजी आ सकती है।
2021 में आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने पर वैश्विक अर्थव्यवस्था में लगभग 5 प्रतिशत कर दर से ग्रोथ की उम्मीद है। जिसमें भारत और चीन विकसित देशों की तुलना में तेजी से ग्रोथ करेगा।