Cyber Crime Unit has warned : केंद्रीय गृह मंत्रालय की साइबर अपराध इकाई ने रविवार को कहा कि ईमेल पर किसी सरकारी कार्यालय से संदिग्ध ई-नोटिस मिलने पर लोगों को इसमें लिखे अधिकारी के नाम की प्रामाणिकता की Internet पर जांच करनी चाहिए और संबंधित विभाग को फोन करना चाहिए।
भारतीय Cyber अपराध समन्वय केंद्र (14सी) ने एक सार्वजनिक विज्ञापन में कहा कि उपयोगकर्ताओं को किसी सरकारी ई-नोटिस की आड़ में भेजे गए ‘‘फर्जी ईमेल’’ को लेकर सतर्क रहना चाहिए।
विज्ञापन में आगाह किया गया है कि यह कोई ठग हो सकता है जो लोगों को ‘‘साइबर धोखाधड़ी का शिकार’’ बना सकता है।
I4सी ने ऐसे ईमेल पर क्लिक करने या उनका जवाब देने से पहले जवाबी उपाय सुझाए हैं : यह जांच करें कि क्या ईमेल किसी प्रामाणिक सरकारी Website से आया है जिसके अंत में ‘‘gov.in’’ है, ईमेल में नामित अधिकारियों के संबंध में Internet पर जानकारी खंगाले और प्राप्त ईमेल को सत्यापित करने के लिए उल्लिखित विभाग को फोन करें।
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने ईमेल उपयोगकर्ताओं को दिल्ली पुलिस साइबर अपराध और आर्थिक अपराध, केंद्रीय आर्थिक खुफिया ब्यूरो (CBI), खुफिया ब्यूरो और दिल्ली के साइबर प्रकोष्ठ के नाम, हस्ताक्षर, टिकट और ‘लोगो’ वाले धोखाधड़ी के ईमेल के बारे में सचेत करते हुए एक सार्वजनिक परामर्श जारी किया।
चार जुलाई को जारी परामर्श के अनुसार, इन ईमेल के साथ संलग्न पत्र में ईमेल प्राप्तकर्ताओं के खिलाफ बाल पोर्नोग्राफी, बाल यौन शोषण, साइबर पोर्नोग्राफी, अश्लीलता के आरोप लगाए जाते हैं।
इसमें कहा गया है कि ठग ऐसे फर्जी ईमेल भेजने के लिए अलग-अलग ईमेल पते का इस्तेमाल करते हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘ऐसे किसी भी ईमेल के प्राप्तकर्ता को इस धोखाधड़ी के प्रयास के बारे में पता होना चाहिए। आम जनता को सूचित किया जाता है कि संलग्नक के साथ ऐसे किसी भी ई-मेल का जवाब नहीं दिया जाना चाहिए और ऐसे मामलों की सूचना निकटतम पुलिस थाने/साइबर पुलिस थाने को दी जा सकती है।’’
गृह मंत्रालय और 14सी के रविवार को जारी विज्ञापन में कहा गया है कि ऐसे संदिग्ध ईमेल और अन्य प्रकार की साइबर धोखाधड़ी के बारे में तुरंत साइबर अपराध की वेबसाइट पर शिकायत दर्ज कराए या साइबर अपराध के हेल्पलाइन नंबर पर फोन करे।