President Rule in Delhi : दिल्ली (Delhi) में प्रेसिडेंट रूल यानी राष्ट्रपति शासन लगाए जाने की चर्चा एक बार फिर गरमाने लगी है।
चीफ मिनिस्टर अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के जेल जाने के बाद से ही इस बात की चर्चा चल रही है।
ऐसा समझा जा रहा है कि दिल्ली (Delhi) के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) द्वारा केंद्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार (Delhi Government) की शिकायत के बाद से आम आदमी पार्टी (AAP) नेताओं में राष्ट्रपति शासन (President Rule) को लेकर घबराहट और बढ़ गई है।
सोमवार को दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में बोलते हुए एक ‘AAP’ विधायक ने दावा किया कि BJP ‘AAP’ को डराने के लिए दिल्ली में राष्ट्रपति शासन की अफवाह फैलाने की कोशिश में मशगूल है।
उपराज्यपाल द्वारा केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) को लिखे पत्र में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के मंत्री उपराज्यपाल के साथ बैठक करने से इनकार कर रहे हैं।
मंत्री सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर चर्चा की बजाय उनकी अनदेखी कर रहे हैं।
LG के पत्र में कहा गया है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी और उसके बाद के घटनाक्रम के मद्देनजर उपराज्यपाल ने जल, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन, पर्यावरण, वन आदि विभागों से संबंधित दिल्ली सरकार के प्रमुख मंत्रियों की बैठक बुलाने का निर्णय लिया था।
उपराज्यपाल ने 29 मार्च और 2 अप्रैल को दो बार मंत्रियों के साथ बैठक के लिए कहा, लेकिन स्वास्थ्य मंत्री (Health Minister) मुद्दों को सुलझाने की बजाय सार्वजनिक रूप से कीचड़ उछालने में लिप्त हैं।
LG के पास बैठक बुलाने का अधिकार नहीं : सौरभ भारद्वाज
LG विनय कुमार सक्सेना की ओर से दिल्ली सरकार के कामकाज को लेकर सवाल उठाने पर स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने पलटवार किया है।
भारद्वाज ने कहा कि LG को संविधान समझना चाहिए। वह किन विषयों का जिक्र कर रहे हैं पानी, स्वास्थ्य, पर्यावरण व वन विभाग का। यह ट्रांसफर का विषय है यानी यह चुनी हुई सरकार का विषय है।