अहमदाबाद: गुजरात के सूरत शहर में रह रहे प्रवासी मजदूरों को बढ़ते कोरोना के मामलों के साथ लॉकडाउन का डर फिर से सताने लगा है।
ऐसे में अफवाह व एक बार फिर से अपने घरों तक पहुंचने की आस में मजदूर दोगुना किराया देकर अपने घरों की तरफ निकल रहे हैं।
हालांकि महानगर पालिका और कई अन्य संगठनों ने प्रवासियों को समझाने की कोशिश की है कि लॉकडाउन लगने की केवल अफवाह मात्र है, लेकिन कोई भी मानने को तैयार नहीं है।
आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से सूरत के अलग-अलग हिस्सों से मजदूरों का पलायन जारी है।
लोगों में लॉकडाउन का दर इस कदर हावी हो गया है कि लोग मनमाने ढंग से एंठे जा रहे ज्यादा किराए के साथ भी बस सफ़र कर रहे हैं।
इसी के चलते कल खटोदरा पुलिस ने कुछ ट्रैवेल अजेंट्स व बस कम्पनी संचालको को हिरासत में लिया था।
पुलिस को आशंका थी कि इन्ही लोगों ने मोटा मुनाफा कमाने के फेर में शहर भर में लॉकडाउन लगने की अफवाह फैलाई है।
वहीं बस संचालकों का कहना है कि उन्होंने लोगों को बहकाया नहीं है बल्कि लोग खुद उनसे टिकट लेने के लिए आ रहे हैं। ऐसे में प्रशासन, नेता व कई संगठन मजदूरों को रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन रोज करीब दर्जन भर बसों से करीब डेढ़ से दो हजार मजदूर अपने घरों को लौट रहे हैं।
प्रशासन कई लोगों की मदद से बस संचालकों को बस चाल्ने से रोक रहा है लेकिन वे मानने को तैयार नहीं है, ऐसे में उनके सामने भी समस्या है कि आखिर किस बिना पर उन्हें बस न चलाने दिया जाए।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने प्रवासियों को रोकने के लिए लगातार कार्रवाई शुरू कर दी है।
अब तक 5 एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा सभी अनधिकृत काउंटर बंद करवाए जा रहे हैं।
पुलिस खुद लोगों के बीच जाकर अनाउंस कर रही है कि अफवाह पर ध्यान ना दें। लॉकडाउन नहीं लगेगा।
विशेषतौर पर ऐसी जगहों पर जहां श्रमिकों की संख्या ज्यादा है।
इसके अलावा सीपी अजय तोमर और प्रशासन ने भी लोगों से अपील की है कि लॉकडाउन की बात केवल अफवाह है।
कोई कहीं नहीं जाए। बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते गुजरात सरकार ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा और राजकोट जैसे शहरों में नाइट कर्फ्यू का ऐलान किया है।
इसके अलावा कुछ पाबंदियां भी लगाई गई हैं ताकि कोरोना के बढ़ते मामलों को रोका जा सके। बता दें कि गुजरात में हर दिन करीब 1,000 से ज्यादा नए कोरोना केस साामने आ रहे हैं।