नई दिल्ली : सहारा (Sahara Group) के करोड़ों निवेशक जो अपनी गाढ़ी कमाई वापस पाने का इंतजार कर रहे हैं, उनके लिए राहत की खबर है। आलू के चिप्स बेचकर महज 25 हजार रुपये कमाने वाले पिनाक पानी मोहंती (Pinak Pani Mohanty) ने करोड़ों निवेशकों के लिए राहत की उम्मीद जगाई है।
पिनाक पानी मोहंती उड़ीसा के रहने वाले हैं। पिनाक (Pinak Pani Mohanty) ने वह कर दिखाया है जिसकी उम्मीद लाखों निवेशक छोड़ चुके थे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बीते 30 मार्च को केंद्र सरकार (Central Government) की याचिका को मंजूर कर लिया है।
जिसमें सरकार ने कहा था कि सहारा-सेबी (Subrata Roy) के 24,979 करोड़ रुपए के टोटल फंड में से 5,000 करोड़ रुपये तुरंत दिए जाएं, ताकि निवेशकों का पैसा लौटाया जा सके। Supreme Court ने यह निर्देश पिनाक पानी मोहंती की जनहित याचिका पर केंद्र सरकार की ओर से दायर एक आवेदन पर दिया है।
मोहंती ने चिट फंड कंपनियों (Chit Fund Companies) और सहारा क्रेडिट फर्म्स (Sahara Group) में निवेश करने वाले डिपॉजिटर्स (DDepositors) को उनका पैसा वापस करने का निर्देश देने की मांग की थी। अब 9 महीने में निवेशकों को उनका पैसा वापस दिया जाएगा।
4.80 लाख खर्च करके लड़ी लड़ाई
पिनाक पानी मोहंती (Pinak pani mohanty) ने बताया कि वह सालाना 3.15 लाख रुपये कमाते हैं। और एक अनुसूचित जाति (Schedule Cast) के व्यक्ति के लिए यह लड़ाई लड़ना आसान नहीं था।
लेकिन दोस्तों के सहयोग से ऐसा हो सका। अब तक याचिका पर उनके 4.80 लाख रुपये से ज्यादा पैसे खर्च हो चुके हैं। पिनका पानी मोहंती (Pinak Pani Mohanty) के मुताबिक, वह और उनके सामाजिक कार्यकर्ता (Social Worker) दोस्तों ने 2015 से कुल 44 कंपनियों के पीड़ितों को मुआवजा दिलाने का काम किया है।
इनमें सहारा से लेकर रोज वैली, शारदा और सीशोर जैसी चिटफंड कंपनियां शामिल हैं। मोहंती BJP का एक कार्यकर्ता भी है। और उन्होंने जनवरी 2022 में सहारा मामले को लेकर जनहित याचिका दायर की थी।
ये है पूरा मामला
बता दें कि पूरा मामला साल 2009 में सहारा के OFCD के समय शुरु हुआ था। सहारा स्कैम (Sahara Scam) मुख्य रूप से Sahara Group की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल ऐस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SIRECL) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (SHICL) से जुड़ा है। सहारा ग्रुप की एक कंपनी सहारा प्राइम सिटी ने अपने IPO के लिए SEBIमें आवेदन (DRHP) दाखिल किया था।
DRHP में कंपनी से जुड़ी सारी अहम जानकारी होती है। जब SEBI ने इस DRHP का अध्ययन किया, तो SEBI को सहारा ग्रुप की दो कंपनियों की पैसा जुटाने की प्रक्रिया में कुछ गलतियां दिखीं। ये दो कंपनियां SHICL और SIRECL ही थीं।
25 दिसंबर 2009 और 4 जनवरी 2010 को SEBI को दो शिकायतें मिलीं। SEBI ने पाया कि SIRECL और SHICL ने OFCD के जरिए दो से ढ़ाई करोड़ निवेशकों से करीब 24,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं।
केंद्र सरकार ने पिनाक मोहन मोहंती की जनहित याचिका पर, एस्क्रो अकाउंट (Escrow Account) में जमा पैसों को निवेशकों को जारी करने की सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5000 करोड़ रुपये लौटाने के आदेश दिए है। यह पैसा 9 महीने में एक न्यायधीश की निगरानी में लौटाया जाना है।