पटना: नालंदा मेडिकल कॉलेज के फाइनल ईयर के एक मेडिकल स्टूडेंट की सोमवार को कोरोना से मौत हो गई। छात्र ने कुछ दिनों पहले कोविड वैक्सीन की पहली डोज ली थी।
23 साल के शुभेंदु सुमन की मौत बेगूसराय में हुई जबकि उन्होंने 22 दिन पहले Covaxin का पहला डोज लिया था। अब इस मेडिकल कॉलेज के सभी छात्रों का RT-PCR टेस्ट कराया जा रहा है।
शुभेंदु सुमन ने 22 दिनों पहले ही वैक्सीन ली थी। उन्होंने फरवरी के पहले हफ्ते में वैक्सीन ली थी लेकिन 25 फरवरी को वो कोरोना पॉजिटिव पाए गए।
इसके बाद वो अपने घर बेगुसराय चले गए, जहां 27 फरवरी को उन्हें एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन सोमवार की शाम उनका निधन हो गया।
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि ‘यह समझना होगा कि एंटीबॉडी वैक्सीन लगने के छह सप्ताह के बाद बनती है। दूसरे डोज के 14 दिन बाद से एंटीबॉडी बनती है।
ऐसे में यह गलत है कि पहले डोज के बाद से ही एंटीबॉडी बनने लगेगी।’ उन्होंने छात्र की मौत पर दुख जताते हुए कहा कि ऐसी किसी एक घटना से भी बहुत दुख होता है, खासकर किसी चिकित्सक की मौत पर। उन्होंने दूसरे पॉजिटिव छात्रों पर कहा कि अस्पताल प्रशासन की उनपर नजर है और उनका ध्यान रखा जा रहा है।
इस अस्पताल में अब तक 15 छात्र पॉजिटिव आ चुके हैं और इनमें से बहुत सारे छात्रों ने कुछ हफ्ते पहले ही वैक्सीन की पहली डोज ली थी। अब तक कई नेता, सेलेब्रिटी और बिजनेसमैन टीका लगवा चुके हैं। आम जनता के लिए भी कोविन वेबसाइट और आरोग्य सेतु ऐप पर रजिस्ट्रेशन हो रहा है।
बता दें कि भारत में कोरोना के खिलाफ 16 जनवरी से वैक्सीनेशन शुरू किया गया है। पहले चरण में लाखों हेल्थकेयर वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को टीका लगाया गया था।
पहले चरण में स्वास्थ्य कर्मियों को प्राथमिकता दी गई थी। 1 मार्च से वैक्सीनेशन ड्राइव का दूसरा चरण शुरू हुआ है। इस चरण में 60 से ज्यादा उम्र के लोगों और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे 45 से ऊपर की उम्र के लोगों को टीका लगाया जा रहा है।