रांची: राज्यपाल CP राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने कहा कि नशा मुक्ति अभियान की सफलता अकेले सिर्फ एक संगठन की जिम्मेदारी नहीं है, इसके लिए समाज के सभी सदस्यों के सामूहिक प्रयास व सहयोग करने की आवश्यकता है।
राज्यपाल प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Prajapita Brahmakumaris Divine University) के तत्वावधान में हरमू रोड रांची स्थित कार्यालय में रविवार को आयोजित नशा मुक्ति अभियान के अवसर लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि नशाखोरी आधुनिक समाज की सबसे ज्वलंत समस्याओं में से एक है। कई मायनों में यह लाईलाज बीमारियों से भी अधिक खतरनाक है।
राज्यपाल ने कहा…
नशीली दवाओं के सेवन (Drug Abuse) से उनका जीवन तो बर्बाद होते ही हैं, उनके परिवार को भी बहुत पीड़ा का सामना करना पड़ता है।
राज्यपाल (Governor) ने कहा कि मादक द्रव्यों का सेवन एक गंभीर मुद्दा है जिसने हमारे समाज को बहुत लंबे समय तक त्रस्त रखा है। इससे अनगिनत लोगों की जान गई है, व्यक्तियों, परिवारों और समाज को अपूरणीय क्षति हुई है।
उन्होंने “नशा मुक्ति अभियान” (“Drug Free Campaign”) के आयोजन लिए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Brahma Kumari Divine University) को बधाई देते हुए कहा कि नशीले पदार्थों के सेवन व इसके दुष्परिणामों के बारे में जागरुकता पैदा करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन सराहनीय है।
93 दिनों तक लगातार 19 हजार किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ निकाली गई
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी 5 सूत्री कार्यक्रम के तहत, जिसमें नशीले पदार्थों का उन्मूलन (Drug Eradication) शामिल था, 93 दिनों तक लगातार 19 हजार किलोमीटर की ‘रथ यात्रा’ निकाली गई थी।
राज्यपाल ने कहा कि विडम्बना (The Irony) है कि कुछ लोग जानकारी के अभाव में नशीली दवाओं के दुरुपयोग में संलिप्त हो जाते हैं। स्वार्थी लोगों द्वारा अपने गलत उद्देश्यों की पूर्ति के लिए मासूमों को नशीली दवा दी जाती है, ऐसे कई उदाहरण भी सामने आए हैं।