रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) ने राजधानी रांची में ध्वनि प्रदूषण (Noise Pollution) पर नियंत्रण के लिए सरकार की ओर से किए गए दावों पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान असंतोष जताया। शपथपत्र (Affidavit) में कही गई बातों को सच से परे बताया।
जस्टिस डॉ एसएन पाठक (Dr SN Pathak) की अदालत ने स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए पांच सदस्यीय वकीलों की कमेटी गठित की, जो सरकार के दावे की हकीकत जांचेगी और 4 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट (Report Court) को देगी।
शपथ पत्र में क्या है दावा
सरकार के शपथपत्र में बताया गया है कि रांची में ध्वनि प्रदूषण पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। सभी संवेदनशील स्थानों पर साइलेंस जोन का बोर्ड लगाया गया है।
रेस्तरां-बैंक्वेट हॉल में रात 10 बजे के बाद लाउडस्पीकर (Loudspeaker) व साउंड सिस्टम (Sound System) बजाने पर रोक लगा दी गई है।
जिला प्रशासन और पुलिस टीम लगातार कार्रवाई कर रही है। इस पर वकीलों की ओर से कोर्ट को बताया गया कि शहर में रात 10 बजे के बाद भी साउंड सिस्टम बजते हैं। कई होटल व बैंक्वेट (Hotel and Banquet) में देर रात तक डीजे बज रहे हैं।