सुलतानपुर: सुलतानपुर जिला मुख्यालय स्थित विकास भवन के सामने ‘कुशभवनपुर, हमारा स्वाभिमान’ का एक ग्लो साइन बोर्ड यहां से आने-जाने वाले लोगों के बीच आकर्षण और कौतूहल का विषय बन गया है।
लोग कयास लगा रहे हैं कि 16 नवम्बर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण समाराेह में यहां आ रहे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिले के नामांतरण की घोषणा कर सकते हैं।
दरअसल, नगर पालिका परिषद साल 2018 में अपनी पहली बैठक में ही सुलतानपुर जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर करने का प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज चुकी है।
यहां की सांसद मेनका गांधी और विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाएं भी जिले का नाम कुशभवनपुर किए जाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं।
नगर पालिकाध्यक्ष बबिता जायसवाल का कहना है कि जनाकांक्षा कुशभवनपुर के पक्ष में है। जिले का नाम बदलने की तैयारी तो लगभग दो से अधिक सालों से चल रही है लेकिन अब इसे शासन से मंजूरी मिलने की कवायद भी तेज हो गई है।
नगरपालिका बोर्ड ने तो सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर रखने का प्रस्ताव 2018 में ही पास कर दिया था लेकिन किन्हीं कारणों से ये मुद्दा अब तक अटका हुआ था।
सूबे में होने वाले विधानसभा चुनावों से ऐन पहले एक बार फिर जिले का नाम बदलकर कुशभवनपुर किए जाने के प्रयास तेज हो गए हैं।
सुलतानपुर पहुंचे तत्कालीन राज्यपाल राम नाईक को शौर्य फाउंडेशन द्वारा मार्च 2019 में एक किताब के साथ एक पत्र सौंपा गया था, जिसमें सुलतानपुर का नाम कुशभवनपुर करने का आग्रह किया गया था ।
साथ ही 28 मार्च, 2019 राम नाईक ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बारे में चिट्ठी भी लिखी थी। तभी से जिले का नाम बदलने के प्रयासों में तेजी आई।
सांसद मेनका गांधी ने भी किया समर्थन
सांसद मेनका गांधी ने 3 अगस्त, 2020 को श्रावण पूर्णिमा के दिन कुशभवनपुर उत्थान सेवा समिति द्वारा उठाए जा रहे जिले के कुशभवनपुर नामकरण की मांग का समर्थन किया था।
उन्होंने कहा था कि इतिहास के मुताबिक सुलतानपुर का नाम पुनः कुशभवनपुर करने के लिए हमारा साथ व समर्थन सदैव रहेगा।
विधानसभा में भी उठा था मुद्दा
लम्भुआ से भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवमणि द्विवेदी ने भी सदन में जिले के नाम को कुशभवनपुर करने का मुद्दा उठाया था। प्रस्ताव सदन में स्वीकार कर लिया गया था और लगातार तीन दिनों तक इस पर चर्चा चलती रही थी।
देवमणि का कहना है कि अयोध्या से सटे सुलतानपुर जिले को भगवान श्रीराम के पुत्र कुश ने बसाया था और इसे कुशभवनपुर नाम से जाना जाता था। माता सीताजी यही ठहरी थीं।
उनकी याद में आज भी यहां सीताकुंड घाट मौजूद है। सुलतानपुर के गजेटियर में भी इस बात का उल्लेख है कि पहले इसका नाम कुशभवनपुर ही था लेकिन मुगल शासन काल में इसका नाम बदलकर सुलतानपुर कर दिया गया था ।
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एवं मां सीता से जुड़ी है यह कुशनगरी
वरिष्ठ पत्रकार राजखन्ना ने बताया कि कुशभवनपुर या कुशपुर का मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और अयोध्या नगरी से गहरा नाता है।
सिर्फ इसलिए नहीं कि श्रीराम के ज्येष्ठ पुत्र कुश महाराज ने कोशल राज्य के दक्षिण में इस नगर को बसाया बल्कि इसलिए भी कि श्रीराम के वन गमन पथ का यहां का गोमती तट प्रमुख पड़ाव था।
माता सीता के यहां गोमती तट पर स्नान और विश्राम की स्मृतियां पवित्र ”सीताकुंड” संजोए हुए है ।” रावण पर विजय के बाद वापसी में प्रभु श्रीराम ने पुनः इस धरा को धन्य किया था।