Jharkhand High Court fines state govt ₹50,000 for land registration non-compliance : झारखंड हाईकोर्ट ने एक जमीन को गैर-हस्तांतरित बताकर उसके निबंधन (रजिस्ट्री) पर रोक लगाने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इस मामले में झारखंड सरकार पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया और यह राशि प्रबुद्ध नगर सहकारी गृह निर्माण समिति लिमिटेड को देने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने एकलपीठ के फैसले को भी सही ठहराया।
दरअसल, 6 नवंबर 2020 को रांची के उपायुक्त (डीसी) ने एक जमीन को गैर-हस्तांतरित श्रेणी में डालकर उसकी रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी। इस जमीन को लेकर राज्य सरकार पहले ही टाइटल सूट हार चुकी थी। सरकार की पहली अपील 23 सितंबर 2015 को और दूसरी अपील 20 दिसंबर 2019 को खारिज हो गई थी, क्योंकि दूसरी अपील के दौरान सरकार का वकील कोर्ट में मौजूद नहीं था। इसके बावजूद डीसी ने निबंधन पर रोक लगाई थी।
प्रबुद्ध नगर सहकारी गृह निर्माण समिति ने इस रोक को हाईकोर्ट में चुनौती दी। एकलपीठ ने समिति के पक्ष में फैसला दिया। सरकार ने इस फैसले के खिलाफ खंडपीठ में अपील की, लेकिन खंडपीठ ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी और 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया।
हाईकोर्ट का फैसला:
– एकलपीठ ने प्रबुद्ध नगर सहकारी गृह निर्माण समिति के पक्ष में फैसला दिया।
– खंडपीठ ने भी सरकार की अपील खारिज कर दी और 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया।
– जुर्माने की राशि समिति को दी जाएगी।
जमीन हस्तांतरण कानून:
जमीन हस्तांतरण कानून के अनुसार, यदि कोई जमीन का हस्तांतरण अवैध रूप से रोका जाता है, तो प्रभावित पक्ष कोर्ट में इसकी चुनौती दे सकता है। इस मामले में, हाईकोर्ट ने सरकार के फैसले को अवैध माना और जुर्माना लगाया।