प्रयागराज: प्रयागराज (Prayagraj) में माफिया अतीक अहमद (Atiq Ahmed) और अशरफ (Ashraf) की हत्या के आरोपियों से पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है।
इस बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस कस्टडी (Police Custody) में शूटर सनी ने कबूल किया है कि इन तीनों आरोपियों को दिल्ली के जितेंद्र गोगी गिरोह के संपर्क से हथियार मिले थे।
कानपुर का बाबर भी इसी गैंग से जुड़ा था। बाबर के जरिये ही ये लोग गोगी गैंग के संपर्क में आए थे। हालांकि, पुलिस सूत्रों का ये भी कहना है कि ये लगातार बयान बदल रहे हैं।
उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) इन लोगों के दावों को क्रॉस वेरिफाई (Cross Verify) भी कर रही है।
जितेंद्र गोगी गिरोह इन तीनों से NCR में बड़ी वारदात कराना चाहता था। NCR कनेक्शन के चलते ही गोगी गैंग ने NCR चैनल की ID, बड़ा कैमरा, आई कार्ड इन्हें दिया था।
सितंबर 2021 में जितेंद्र गोगी की रोहिणी कोर्ट में हत्या कर दी गई थी। जितेंद्र हमेशा से लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का बेहद खास था।
अस्पताल में पुलिस पर गोली चलाने का नहीं था कोई प्लान
इससे पहले पुलिस के सामने इन लोगों ने यह भी कबूला था कि तीनों लारेंस विश्नोई के जैसा बनना चाहते थे।
इन्होंने बताया कि अस्पताल में पुलिस पर गोली चलाने का कोई प्लान नहीं था। तीनों मरने नहीं आए थे, इसलिए सरेंडर कर दिया।
सनी सिंह के अपराध का Connection UP के कई जिलों से मिल रहा है। जालौन में भी सनी की क्राइम हिस्ट्री (Crime History) जुड़ी हुई है।
साल 2019 में वह अपने एक साथी के साथ Scorpio गाड़ी लूटकर भाग रहा था। इस दौरान उसकी कदौरा पुलिस से मुठभेड़ भी हुई थी।
तीनों आरोपियों ने बताया प्लान
तीनों आरोपी 12 अप्रैल को लखनऊ से बस से प्रयागराज (Prayagraj) पहुंचे थे। तीनों ही काल्विन अस्पताल से डेढ़ किलोमीटर दूर रेलवे स्टेशन के सामने होटल में रुके थे।
पहले 13 अप्रैल को ही कोर्ट में अतीक अशरफ को मारने का प्लान था, लेकिन उस समय इन्हें मौका नहीं मिला।
इसके बाद 15 अप्रैल को दिन में इन्होंने काल्विन अस्पताल (Calvin Hospital) की रेकी की। दो नए मोबाइल खरीदे थे लेकिन सिमकार्ड के लिए फर्जी ID नहीं जुटा पाए।
अतीक और अशरफ को गोली से उड़ाने के बाद डर पर काबू पाने के लिए तीनों ने जय श्री राम के नारे लगाए।