बीजिंग: चीनी स्टेट काउंसिलर और विदेश मंत्री वांग यी ने 11 से 16 जनवरी को म्यांमार, इंडोनेशिया, ब्रुनेई और फिलीपींस की यात्रा की। आसियान के चार देशों की यात्रा का क्या महत्व है?
इसकी चर्चा में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दक्षिण एशियाई देश चीन के अच्छे पड़ोसी देश हैं और बेल्ट एंड रोड के सहनिर्माण के अहम सहयोग साझेदार भी हैं।
चीन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संबंधों को बड़ा महत्व देता है और आसियान को पड़ोसी कूटनीति की प्राथमिक दिशा मानता है।
इस साल की शुरूआत में वांग यी ने सीएमजी के साथ विशेष साक्षात्कार में कहा कि चीन-आसियान सहयोग शुरू होने के बाद सहयोग हमेशा आगे बढ़ रहा है और अब यह सबसे सफल और जीवित शक्ति वाला क्षेत्रीय सहयोग बन चुका है।
2020 में दोनों पक्ष पहली बार एक-दूसरे के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार बने।
दोनों ने आरसीईपी पर हस्ताक्षर की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया और विश्व में सबसे बड़ी आबादी होने, सबसे बड़ा आर्थिक पैमाना होने और सब से बड़ी निहित शक्ति होने
वाले मुक्त व्यापार क्षेत्र की स्थापना की है।
2021 में चीन-आसियान वातार्लाप संबंधों की स्थापना की 30वीं वर्षगांठ होगी।
दोनों पक्ष महामारी की रोकथाम, क्षेत्रीय आर्थिक पुनरुद्धार को आगे बढ़ाने और अनवरत विकास को आगे विकसित करने में और गहरा सहयोग करेंगे।
साथ ही 2021 चीन-आसियान अनवरत विकास का सहयोग वर्ष भी होगा।
दोनों पक्ष अनवरत विकास के सहयोग को आगे बढ़ाने में कदम उठाएंगे। दोनों उप क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाकर द्विपक्षीय सहयोग को गहरा भी करेंगे।
चीन-आसियान सहयोग को आगे बढ़ाना न सिर्फ द्विपक्षीय और क्षेत्रीय समृद्धि और विकास के लिए लाभदायक है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को बहुपक्षवाद की रक्षा करने और व्यापार व निवेश के मुक्तिकरण और सुविधाकरण को आगे बढ़ाने के लिए भी सक्रिय आवाज पेश की है, और विश्व आर्थिक पुनरुद्धार के लिए और अधिक सकारात्मक ऊर्जा डाली है।
विश्वास है कि चीन-आसियान साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण का कदम और स्थिर व मजबूत होगा।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)