नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जोर देकर कहा है कि पिछले वर्षों की तुलना में इस बार के बजट में कृषि आबंटन बहुत अधिक है और इसका मकसद कृषि क्षेत्र का पूर्ण आधुनिकीकरण है।
मोदी ने गुरूवार को कहा कि केवल छह वर्षों में कृषि बजट कई गुना बढ़ा है और किसानों के लिए कृषि ऋण भी पिछले सात वर्षों में ढाई गुना बढ़ा है।
इस बजट में जिन योजनाओं पर चर्चा की गई थी उनके लिए तैयारी की आवश्यकता है तथा इसके लिए मार्च के महीने का उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद नए वित्तीय वर्ष के पहले दिन से इन्हें शुरू कर देना चाहिए।
उन्होंने केन्द्रीय बजट 2022 के कृषि क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा यदि यह सब ठीक से किया जाता है, तो बजट न केवल आंकड़ों में बदलाव ला सकता है बल्कि जीवन और कृषि में बदलाव लाने का एक प्रभावी साधन हो सकता है।
मोदी ने बजट के जिन सात महत्वपूर्ण बिंदुओं का उल्लेख किया है उनमें गंगा के किनारे पांच किलोमीटर तक प्राकृतिक खेती ,हर्बल, औषधीय पौधों और बागवानी शामिल है।
इसके अलावा कृषि और बागवानी विधियों में सुधार के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकी का समावेश; मिशन ऑयल पाम पर ध्यान केंद्रित करना और अन्य तिलहनों को भी प्रोत्साहित करना तथा कृषि वस्तुओं के परिवहन के लिए पीएम गति शक्ति संबंधी योजना भी है।
मोदी ने पिछले वर्षों में अपनी सरकार द्वारा किए गए कार्यों का जिक्र करते हुए कहा कि तीन साल पहले शुरू की गई पीएम किसान सम्मान निधि योजना से अब तक लगभग 11 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश छोटे किसान हैं और 1.7 लाख करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत अब तक सरकार ने पिछले सात वर्षों में प्रणालियों में सुधार करके कृषि से संबंधित सभी चीजों, बीज से बाजार तक की प्रक्रिया को और बेहतर किया है।
प्रधानमंत्री ने निजी क्षेत्र से भी कृषि क्षेत्र में निवेश करने की अपील की और कई अवसरों का वर्णन किया है। उदाहरण के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड सरकार द्वारा तैयार किए जाते हैं और हर जगह निजी प्रयोगशालाएँ हो सकती हैं जहाँ किसान अपने खेत की मिट्टी का परीक्षण करवा सकता है और उसके अनुसार उर्वरकों पर काम कर सकता है।
उन्होंने कहा जिस प्रकार आज हमारे पास मानव स्वास्थ्य के लिए पैथोलॉजी प्रयोगशालाएं हैं उसी तरह हमें मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाओं के एक विशाल नेटवर्क की आवश्यकता है।
मोदी ने लागत को कम करने और उत्पादन में सुधार करने में मददगार सूक्ष्म सिंचाई जैसी उपलब्धियों का भी जिक्र किया जो पर्यावरण को बचाने में मददगार है।
उन्होंने निजी क्षेत्र से अपील करते हुए कहा आज के समय में पानी बचाना मानव जाति की सेवा है। प्रति बूंद अधिक फसल हमारा आदर्श वाक्य है। इस क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इथेनॉल सम्मिश्रण, कृषि-स्टार्टअप, कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन, रसद, कृषि उपज का परिवहन, खाद्य प्रसंस्करण, कृषि के लिए ड्रोन और किराए पर कृषि उपकरण कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें अपार संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए निजी निवेशक, विशेष रूप से युवा उद्यमी प्रवेश कर सकते हैं